भुवनेश्वर, 19 जून (आईएएनएस)। ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में ब्रह्म परिवर्तन अनुष्ठान के दौरान कथित कुप्रबंधन पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा सरकार को इस ‘असफलता’ के लिए जिम्मेदार ठहराया।
सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) ने दोनों विपक्षी पार्टियों पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
मंदिर में ‘सदियों पुरानी परंपरा तोड़ने’ के आरोप में जहां कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का इस्तीफा मांगा, वहीं भाजपा ने कहा कि उन्हें धार्मिक अनुष्ठान में कुप्रबंधन के लिए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख प्रसाद हरिचंदन ने एक प्रेसवार्ता में कहा, “राज्य सरकार अव्यवस्थित ढंग से त्योहार का प्रबंधन कर रही है। अनियमितताओं को लेकर न्यायिक आयोग से जांच करानी चाहिए और इस अव्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।”
12वीं शताब्दी में बने इस मंदिर में स्थित भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र, देवी शुभद्रा और भगवान सुदर्शन की मूर्तियों को 16 जून को 19 साल बाद नई मूर्तियों से बदला गया था।
चार मंदिरों के कर्मचारियों ने मूर्तियों में जीवन डाला और इसके साथ ही ढाई माह से चल रहे नवकलेवर महोत्सव का समापन हो गया। पुरानी मूर्तियों से नई मूर्तियों में आत्मा के संचार को ‘ब्रह्म परिवर्तन’ कहते हैं।
हरिचंदन ने कहा, “बीजू जनता दल धर्म के माध्यम से वोट बैंक बना रहा है और ओडिशा में अराजकता की भावना बढ़ती जा रही है।”
पीसीसी प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे ओडिशा में 26 जून को व्रत रखकर ‘प्रदर्शन दिवस’ के रूप में मनाएंगे।
भाजपा ने भी इस संबंध में नवीन पटनायक सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) पर हमला बोला और नवकलेवर महोत्सव और ब्रह्म परिवर्तन में कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बिजय मोहापात्रा ने एसजेटीए के मुख्य प्रशासक को अविलंब निलंबित करने और मुख्यमंत्री से राज्य के लोगों से माफी मांगने के लिए कहा।
मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए बीजद प्रवक्ता समीर दास ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा और कांग्रेस पूरे मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। राज्य सरकार ने नवकलेवर महोत्सव के सुचारू रूप से आयोजन के लिए संभी संभावित कदम उठाए थे।”