चीन दूतावास के प्रवक्ता झू हैक्वान ने वाशिंगटन पोस्ट के संपादकों को लिखे एक पत्र में कहा है कि समाचार पत्र में हाल में प्रकाशित कई लेखों और संपादकीय में -जिनमें 22 जुलाई को प्रकाशित ‘यूएस नॉट नेमिंग चाइना इन डेटा हैक’ और 12 जुलाई को प्रकाशित ‘द साइबर डिफेंस क्राइसिस’ नामक समाचार रपट शामिल हैं- वाशिंगटन पोस्ट ने अनुचित तरीके से अमेरिका में साइबर हमलों के लिए चीन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
झू ने कहा, “चीन सरकार हर तरह के साइबर हमलों के खिलाफ है और इस तरह के हमलों से अपने नियमों-कानूनों के अनुसार दृढ़ता से निपटती है।” पत्र में यह भी कहा गया है कि चीन स्वयं दुनिया में साइबर हमलों के प्रमुख पीड़ितों में से एक है, जिनमें से कई हमले अमेरिका से किए जाते हैं।
झू ने कहा कि उदाहरण स्वरूप, चीन के नेशनल कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टेक्निकल टीम कॉर्डिनेटर सेंटर के मुताबिक, अमेरिका में मौजूद 2,077 ट्रोजन हॉर्स नेटवर्को या बोटनेट सर्वर ने 19 मार्च, 2014 से 18 मई, 2014 तक सीधे तौर पर चीन के 11.8 लाख कंप्यूटरों पर अपना नियंत्रण बनाए रखा और अमेरिका में मौजूद 135 कंप्यूटरों ने चीन की वेबसाइटों को हैक किया गया।
झू के मुताबिक, “सीमापार के साइबर हमले अधिक जटिल होते हैं और इनका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इस तरह की गतिविधियों से निपटने के लिए घनिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है और यहीं पर चीन और अमेरिका के हित समान है।” उन्होंने कहा कि एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से बेहतर है कि दोनों देश मिलकर इसका सामना करें।