अगरतला, 27 अगस्त (आईएएनएस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने गुरुवार को यहां कहा कि नव पुनर्गठित राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (एनएसडीएम) को पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए क्षेत्र में रोजगारों का सृजन करना चाहिए।
नई दिल्ली में नीति आयोग की कौशल विकास पर मुख्यमंत्री उप समूह की बैठक में हिस्सा लेकर लौटे मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, “एनएसडीएम को केवल कौशल विकास पर ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजन पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “भारत के पूर्वोत्तर में पांच दशक पुराने उग्रवाद का मुख्य कारण बेरोजगारी है। विरोधी ताकतें बेरोजगार युवकों को अलगाववादी संगठन में शामिल करने के लिए गुमराह करते हैं।”
नीति आयोग की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि कौशल विकास में शिक्षा, कृषि व औद्योगिक नीतियों को भी शामिल करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए राज्य सरकारों को पर्याप्त धन मुहैया कराना चाहिए।”
कौशल विकास पर मुख्यमंत्रियों की उप समूह की अंतिम बैठक मंगलवार को नीति आयोग में हुई, जिसकी अध्यक्षता उप समूह के समन्वयक पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने की।
इस समूह में असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
सरकार ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की वर्तमान नीतियों पर असंतोष जताया और कहा कि जब तक विशेष औद्योगिक पैकेज नहीं दिया जाएगा, तब तक पूर्वोत्तर राज्यों में कोई निवेशक नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि अप्रैल 2007 में शुरू किए गए पूर्वोत्तर औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन नीति (एनईआईआईपीपी) को बीते साल दिसंबर में रद्द कर दिया गया, जिसके कारण उद्योगों के लिए तरस रहे इस क्षेत्र की औद्योगिक विकास वृद्धि प्रभावित हुई।
एनईआईआईपीपी के तहत क्षेत्र के अंदर तथा बाहर औद्योगिक इकाइयां लगाने वाले उद्योगपतियों को विभिन्न सब्सिडी प्रदान की जाती थीं।