मगरमच्छ के देखे जाने की जानकारी होते ही गांव के उत्साही युवक संजय साहनी, राजकुमार साहनी, शिवकुमार साहनी देवा एवं पिंटू ने महज एक छोटे जाल के सहारे मगरमच्छ को पकड़ लिया।
युवकों ने मगरमच्छ को बांधकर गांव के एक पेड़ के नीचे रख दिया। इस बीच मगरमच्छ के शरीर को ठंडा रखने के लिए पानी भी डाला जाता रहा।
सूचना पाकर सुरक्षा के मद्देनजर बैरिया के सीओ त्रयम्बकनाथ द्विवेदी, एसएचओ संजय सिंह, फारेस्टर नागेंद्र बहादुर सिंह ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लेकर घाघरा नदी में छोड़ दिया।
इधर, जांबाज युवकों को प्रधान जवाहर वर्मा ने पांच हजार, रेंजर आरके मिश्र, उमेश दूबे, राजकुमार यादव द्वारा एक-एक हजार तथा मनोज निषाद द्वारा दो हजार नगद पुरस्कार दिया गया। मगरमच्छ को पकड़े जाने से लगभग तीन घंटे बाद वन विभाग के अधिकारियों के पहुंचने पर लोगों ने आक्रोश जताया।
गौरतलब है कि बीते 25 अगस्त को रेवती बाडीगढ़ के समीप नारीतीर के पास स्थित रवींद्र राम की झोपड़ी में रात के समय दिखाई दिया था। इसके बाद एक सितंबर को कोलनाला कुंड में दिखाई दिया। तब से लोग अपने मवेशियों को डर के मारे पानी पिलाने व नहलाने के लिए वहां ले जाना बंद कर चुके थे।