भोपाल, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने पुलिस अधिकारियों के रोजनामचे की प्रति देने से इंकार करने के साथ दी गई दलीलों को खारिज करते हुए आदेश दिया कि अपीलार्थी को सात दिन में रोजनामचे की नि:शुल्क प्रति देकर आयोग के समक्ष सप्रमाण प्रतिवेदन पेश करें।
सूचना आयोग के कार्यालय से बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार दो मामलों में पुलिस अधिकारियों ने रोचनामचे की प्रति देने से इस आधार पर इंकार कर दिया था कि मप्र पुलिस रेगुलेशन के तहत रोजनामचा अप्रकाशित गोपनीय दस्तावेज की श्रेणी में शामिल है। इसके समर्थन में भारतीय साक्ष्य अधिनियम का हवाला भी दिया गया। सूचना आयुक्त आत्मदीप ने पुलिस की इन दलीलों को खारिज कर दिया है।
सूचना आयुक्त के कार्यालय के अनुसार भिंड जिले के अपीलार्थी मुकेश शर्मा व ओमप्रकाश शर्मा ने लोक सूचना अधिकारी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, भिंड से पुलिस थाना मौ के रोजनामचा की प्रति चाही थी लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने चाही गई जानकारी को अप्रकाशित गोपनीय दस्तावेज बताते हुए देने से इंकार कर दिया।
इसके विरूद्घ प्रथम अपील करने पर अपीलीय अधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने लोक सूचना अधिकारी के निर्णय से सहमत होते हुए प्रथम अपील यह लिख कर रद्द कर दी कि मप्र पुलिस रेगुलेशन के अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट के अतिरिक्त विनिमय 633 के अधीन थाने पर रखे जाने वाले सभी रजिस्टर राज्य के कार्यो से संबंधित अप्रकाशित शासकीय लेखा संग्रह की कोटि में आते हैं। तदनुसार रोजनामचा गोपनीय दस्तावेज है। अत: इसकी प्रति नहीं दी सकती।
सूचना आयुक्त आत्मदीप ने सुनवाई उपरांत दोनों प्रकरणों में लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी के आदेशों को निरस्त कर दिया। फैसले में कहा गया कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना आयोग के समक्ष प्रस्तुत मप्र पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रं़ 707 एवं अपीलार्थी द्वारा चाहे गए रोजनामचे का अध्ययन किया गया।
रोजनामचे में ऐसी कोई जानकारी दर्ज नहीं पाई गई, जिसे प्रदाय करने से किसी पक्ष या जांच पर कोई प्रतिकूल प्रभाव होता हो, कोई गोपनीयता भंग होती हो, किसी नियम-कानून का उल्लंघन होता हो अथवा अन्वेषण या अभियोजन की प्रक्रिया पर विपरीत असर पड़ता हो, इसलिए रोजनामचे की प्रति प्रदाय करने में कोई हर्ज नहीं है।
वहीं भिंड के पुलिस अधीक्षक की ओर से आयोग को आश्वस्त किया गया कि आदेश के पालन में दोनों अपीलार्थियों को रोजनामचे की सत्यापित प्रति अविलंब मुहैया करा कर पावती आयोग के समक्ष पेश कर दी जाएगी।