नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। रेलवे जब आर्थिक दबाव में है तब भी रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को भाड़े में कोई बदलाव नहीं किया। साथ ही आश्वस्त किया कि उचित भाड़ा तय करने के लिए प्रस्तावित रेल नियामक की स्वतंत्रता रहेगी।
नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। रेलवे जब आर्थिक दबाव में है तब भी रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को भाड़े में कोई बदलाव नहीं किया। साथ ही आश्वस्त किया कि उचित भाड़ा तय करने के लिए प्रस्तावित रेल नियामक की स्वतंत्रता रहेगी।
इससे ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या रेलवे माल भाड़े और यात्री किराये को लेकर डायनेमिक प्राइसिंग की ओर बढ़ रहा है। अर्थशास्त्र में डायनेमिक प्राइसिंग वह व्यवस्था है जिसमें मांग और उपलब्धता के आधार पर सामान के मूल्य में लचीला रुख अपनाया जाता है। यानी अधिक भीड़ होने पर टिकट के दाम बढ़ जाएंगे और यात्री कम रहे तो घट जाएंगे।
रेलमंत्री ने वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए कहा कि रेल विकास प्राधिकरण के भाड़ा तय करने की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाएगी। इस प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव पिछले साल ही पेश किया गया था।
भाड़ा निर्धारित करने के अलावा इस प्राधिकरण के जरिये प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने और एक कार्यकुशल मानदंड बनाए रखने की परिकल्पना की गई है।
रेलवे की आर्थिक स्थिति को देखने के लिए गठित सरकार की एक समिति पहले ही विमान के टिकटों की तर्ज पर डायनेमिक प्राइसिंग का सुझाव दे चुकी है। इसी के तहत कुछ ट्रेनों को प्रीमियम नाम देकर कमाई को बढ़ाने की कोशिश हो रही है।