हादसे की जानकारी पाकर एलएमआरसी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया।
लखनऊ मेट्रो के डिजायन निदेशक दलजीत सिंह का कहना है कि घटना की जांच होगी कि कहीं कोई लापरवाही तो नहीं हुई। उन्होंने बताया कि कंक्रीट का मलबा गिरने की वजह लूज शटरिंग हो सकती है। निदेशक ने बताया कि शटरिंग लगाने के लिए जो नट बोल्ट लगाए जाते हैं वो या तो लगाया नहीं गया या फिर ढीला रह गया, जिसकी वजह से जो कंक्रीट डाला गया वो लीक होकर नीचे गिर गया।
बीते बर्ष 7 अक्टूबर की रात 11:30 बजे उस समय झटका लगा, जब कृष्णानगर क्षेत्र मंे मेट्रो के लिए बनाए जा रहे ट्रैक के पिलर से डम्पर टकरा गया। बेकाबू डम्पर ने पहले मेट्रो बैरीकेडिंग में टक्कर मारी और फिर स्टील-मचान ढांचे में घुस गया। जोरदार टक्कर लगने से बनाया जा रहे पिलर का ढांचा एक तरफ झुक गया। हादसे में कोई मेट्रो कर्मी घायल नहीं हुआ था। घटना के बाद शनिवार की सुबह ही मेट्रो के कर्मचारियों ने दुबारा इसे फिर से रिस्ट्रक्च र किया। एलएमआरसी द्वारा इस संबंध में कृष्णा नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच में पता चला कि वाहन का चालक बहुत नशे में था।
मेट्रो का काम इसी साल अक्टूबर में पूरा होना है। जबकि दिसंबर में मेट्रो का ट्रायल होना है। मेट्रो के पहले चरण में करीब 8 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार चुनाव से पूर्व मेट्रो के प्रथम चरण चारबाग से लेकर अमौसी तक ट्रैक पर मेट्रो को दौड़ाना चाहती है। वर्तमान समय में मेट्रो का सिविल वर्क 70 प्रतिशत पूरा हो गया है और आठों स्टेशनों का काम अंतिम चरण में है। ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ से यू-गर्डर के ऊपर पटरियां बिछाने व इलेक्ट्रिक खम्भे लगाने का काम शुरू हो गया है।