प्योंगयांग, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने देश के संस्थापक और अपने दादा किम इल-सुंग की 102वीं जयंती पर उन्हें शुक्रवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के हवाले से समाचार एजेंसी एफे ने कहा है कि हर साल की तरह इस बार भी अपने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ युवा तानाशाह कुमसुसान सन पैलेस गए और किम वंश के पहले नेता के संलेपित शव को श्रद्धांजलि अर्पित की।
किम जोंग उन ने अपने दादा की और पिता किम जोंग इल की प्रतिमाओं पर श्रद्धा सुमन भी अर्पित किए। उन्होंने राजधानी प्योंगयांग के उत्तर में स्थित महल और समाधि में दोनों नेताओं की संरक्षित धरोहरों को भी देखा।
किम इल-सुंग की जयंती पर दिन में और भी कार्यक्रम होने हैं। इसे ‘डे ऑफ द सन’ के रूप में मनाया जाता है। यह देश का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो किम वंश के तीनों शासकों के व्यक्तित्व से जुड़े मतों को लेकर प्रसिद्ध है।
इस बार जयंती उत्तर कोरिया के मध्यम दूरी के प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण की विफलता से भी चिन्हित हो गई है। उत्तर कोरियाई पीपुल्स सेना ने प्योंगयांग और अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में बढ़ते तनाव के बीच इस प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया था।
पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का मानना है कि यह मुसुदान प्रक्षेपास्त्र का पहला परीक्षण था, जिसकी मारक क्षमता 4000 किलोमीटर तक है और इसे जयंती समारोह के हिस्से के रूप में प्रक्षेपित किया गया था।
उत्तर कोरिया के ‘शास्वत राष्ट्रपति’ का जन्म 15 अप्रैल, 1912 को हुआ था। उन्होंने 1948 में तत्कालीन सोवियत संघ के समर्थन से उत्तर कोरिया की स्थापना की थी। उस समय किम इल-सुंग ने स्टालिन व्यवस्था लागू की थी, जो आज तक उत्तर कोरिया में लागू है।
किम इल-सुंग 1994 में अपनी मृत्यु तक देश के राष्ट्रपति बने रहे। उनका संलेपित शव उनके पुत्र किम जोंग इल के शव के निकट ही रखा गया है। किम जोंग इल की मौत 2011 में हुई थी।