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कोर्टरूम में बदलते न्यूज़रूम- रिया चक्रवर्ती का मीडिया ट्रायल और भारत में गिरता पत्रकारिता का स्तर

August 30, 2020 8:11 pm by: Category: सम्पादकीय Comments Off on कोर्टरूम में बदलते न्यूज़रूम- रिया चक्रवर्ती का मीडिया ट्रायल और भारत में गिरता पत्रकारिता का स्तर A+ / A-

धर्मपथ – अगर कल को रिया बेकसूर साबित हो गईं, तो क्या उनका खोया हुआ सम्मान और जिस तरह से उन्हें मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है, वो यह मीडिया वापस दे पाएगा!

सोशल मीडिया पर रिया की कई आपत्तिजनक तस्वीरें साझा हो रही है, तो कोई बेवफ़ा कहकर भद्दी-भद्दी टिप्पणी कर रहा है और उन पर मीम बनाए जा रहे हैं.

रिया ने कोई गलती की है या नहीं ये तो कानून ही बता पाएगा. लेकिन हमारे समाज की इस भीड़ ने फिर एक बार एक महिला पर अपना फैसला सुना दिया है.

अदालत का फैसला आने से पहले ही इस भीड़ ने तय कर लिया है कि रिया दोषी हैं और सुशांत की मौत की मुख्य जिम्मेदार रिया ही हैं.

सुशांत के मामले में रिया का अभूतपूर्व मीडिया ट्रायल चल रहा है. लोगों का गुस्सा देखकर लग रहा है जैसे अगर रिया उनके सामने हो तो वो उसे जिंदा भी जला देंगे!रिया की बात सुने बिना ही हमारी मीडिया और एक वर्ग ने तो अपना फैसला सुना ही दिया है, फिर अब उनके पक्ष से किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता. लेकिन आज भी ये देश संविधान से ही चलता है इसलिए जब तक कोई अपराध साबित नहीं हो जाता या कानून की नज़र में वो दोषी नहीं पाया जाता तब तक वो आरोपी ही बना रहेगा, दोषी नहीं.

भाजपा नेत्री उमा भारती ने भी रिया को मीडिया द्वारा अपराधी घोषित करने पर आपत्ति जताई है ,तब जब की अभी जांच चल रही है ,उनका भी कहना है यदि वह जांच में निर्दोष साबित हुयी तो उसकी मानहानि का जिम्मेदार कौन होगा ?

वर्तमान समय में जो हो रहा है इस सबके पीछे कोई और नहीं बल्कि हमारे देश का मीडिया कसूरवार है, जिन्होंने न्यूज़रूम को कोर्टरूम बना दिया है.

किसे क्या फैसला देना है हमारे देश का कानून नहीं बल्कि अब मीडिया तय कर रहा है. आपको क्या लगता है कि ये सब सुशांत के लिए सहानुभूति के कारण हो रहा है!

अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो सच मानिए आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं क्योंकि ये सुशांत के लिए सहानुभूति नहीं बल्कि राजनीति का एक हिस्सा है.

यह सहानुभूति तब कहां गई थी, जब देश के करोड़ों गरीब-मजदूर सबकुछ छोड़कर अपने घर पैदल निकल पड़े थे.

बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं. सुशांत बिहार से ही ताल्लुक रखते थे.रिया अपने इंटरव्यू में ये भी कहती हैं कि उन्हें आत्महत्या करने के ख्याल आने लगे हैं, अगर उन्होंने कुछ कर लिया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा!

वे जान गई हैं कि जनता ने उन्हें एक ही तराजू में तौल दिया है. मीडिया इस पर फैसले सुना रहा है. आज जो भी सुशांत को पसंद करता है या उनकी तारीफ़ में चंद शब्द कहता है, तो वो रिया को भी खरी-खोटी सुनाने में पीछे नहीं हटता.

कोर्टरूम में बदलते न्यूज़रूम- रिया चक्रवर्ती का मीडिया ट्रायल और भारत में गिरता पत्रकारिता का स्तर Reviewed by on . धर्मपथ - अगर कल को रिया बेकसूर साबित हो गईं, तो क्या उनका खोया हुआ सम्मान और जिस तरह से उन्हें मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है, वो यह मीडिया वापस दे पाएगा! सोशल धर्मपथ - अगर कल को रिया बेकसूर साबित हो गईं, तो क्या उनका खोया हुआ सम्मान और जिस तरह से उन्हें मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है, वो यह मीडिया वापस दे पाएगा! सोशल Rating: 0
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