वाशिंगटन, 3 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने कहा है कि वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, क्योंकि वह इस संधि को पक्षपातपूर्ण मानता है।
समाचार पत्र ‘डॉन’ द्वारा बुधवार को जारी रपट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद ने कहा, “यह पक्षपातपूर्ण संधि है। पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का अधिकार है, इसलिए एनटीपी पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा। हम आखिर हस्ताक्षर क्यों करें?”
एजाज ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे पूछा गया था कि यदि अमेरिका परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए कहता है, तो क्या पाकिस्तान ऐसा करेगा?
वर्ष 1970 में परमाणु अप्रसार संधि के प्रभाव में आने के बाद से अब तक 190 राष्ट्र इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान ने अभी तक इसपर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
अमेरिका की उपविदेश मंत्री रोज एलिन गॉटेमोलर ने पूर्व में पाकिस्तान द्वारा अपने परमाणु संयंत्रों की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा था, “अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की संपत्ति के लिए क्षेत्रीय साझेदारों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए परमाणु सुरक्षा पर अपने क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर सहमति बन गई है।”
चौधरी से यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने अपनी परमाणु संपत्ति की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं, उन्होंने कहा, “हमने एक बहुस्तरीय प्रणाली, मजबूत कमांड और नियंत्रण प्रणाली स्थापित की है।”
उन्होंने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान को ऊर्जा के अन्य स्त्रोत जैसे पनबिजली की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2030 तक पाकिस्तान की 162,000 मेगावाट बिजली बनाने की योजना है, और परमाणु ऊर्जा का इस कुल उत्पादन में छोटा-सा हिस्सा होगा।