नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। केन्द्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने भारत में 12 प्रमुख बंदरगाहों को निर्णय लेने में अधिक दक्षता के लिए उन्हें पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करके सशक्त बनाने के लिए एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एक बार अधिनियमित होने के बाद प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2016, प्रमुख पत्तन न्यास अधिनियम, 1963 की जगह ले लेगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “नए विधेयक में प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह के लिए न्यासी मंडल के स्थान पर एक पत्तन प्राधिकरण मंडल का गठन करने का प्रस्ताव है, जिसके पास उसकी परिसंपत्तियों और धन का उपयोग करने की शक्ति होगी, ताकि प्रमुख बंदरगाहों को फायदा हो।”
बयान में कहा गया है कि यह विधेयक बंदरगाहों को यह शक्ति देता है कि वे ‘अपने कार्यों के निष्पादन के लिए आवश्यक’ किसी भी अनुबंध को निष्पादित कर सकते हैं, साथ ही परिचालन, विकास और योजना बनाने के लिए कानून तैयार करने, ऋण लेने और प्रतिभूति जारी करने की शक्ति भी प्रदान करती है।
बयान में कहा गया है कि यह प्रमुख बंदरगाहों, सार्वजनिक-निजी भागीदारों और कैप्टिव उपयोगकर्तार्ओ के बीच विवादों को हल करने के लिए एक अनुशासनिक बोर्ड का गठन करने का भी प्रस्ताव है।