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राफेल सौदे में निजी कंपनी के चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं : रक्षा मंत्रालय

नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर भारत की निजी कंपनी के चयन में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, क्योंकि यह मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) का वाणिज्यिक फैसला था जोकि 2012 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय ही लिया गया था।

सौदे को लेकर विवाद के जोर पकड़ने पर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दसॉ के ऑफसेट साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस के चयन के संबंध में कथित तौर पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा दिए गए बयान को लेकर मीडिया में आई रिपोर्ट के बाद अनावश्यक बहस की कोशिश हो रही है।

मंत्रालय का यह बयान मीडिया की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया है कि राफेल सौदे के ऑफसेट ठेके के लिए भारत की निजी कंपनी का नाम भारत सरकार ने सुझाया था।

फ्रांस की एक वेबसाइट ने अपने आलेख में ओलांद के बयान का जिक्र किया है जिसमें दावा किया गया है कि भारत सरकार ने फ्रांस की सरकार से सौदे में रिलायंस डिफेंस को साझेदार के रूप में नामित करने को कहा था। बकौल आलेख, उन्होंने कहा, “हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है। भारत सरकार ने इस सर्विस ग्रुप का प्रस्ताव दिया और दसॉ ने अंबानी के साथ समझौता किया।”

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के बयान को शायद ‘पूरे संदर्भ’ में देखने की जरूरत है, ‘जहां फ्रांस की मीडिया ने पूर्व राष्ट्रपति के करीबी लोगों के हितों के टकराव का मुद्दा उठाया है।’

मंत्रालय ने कहा, “इस सबंध में उनके बाद के बयान भी प्रासंगिक हैं।”

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, सरकार ने पहले भी कहा था और दोबारा कह रही है कि रिलायंस डिफेंस के ऑफसेट साझेदार के रूप में चयन में इसकी कोई भूमिका नहीं है।

मंत्रालय ने कहा कि बताया जा रहा है कि रिलायंस डिफेंस और दसॉ एविएशन का संयुक्त उपक्रम फरवरी 2017 में अस्तित्व में आया।

मंत्रालय ने कहा, “यह दो निजी कंपनियों के बीच पूरी तरह से वाणिज्यिक व्यवस्था है। संयोग से 2012 फरवरी की मीडिया रिपोर्ट बताती है कि दसॉ एविएशन ने, पूर्व सरकार द्वारा 126 विमान खरीद की सबसे कम बोली की घोषणा करने के दो सप्ताह के भीतर, रक्षा क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी का समझौता किया।”

मंत्रालय ने कहा कि दसॉ एविएशन ने कहा एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उसने कई कंपनियों के साथ साझेदारी का समझौता किया है और वह लगभग सौ अन्य कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू जेट खरीद के सौदे की घोषणा की थी और 2016 में इस सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे।

संप्रग सरकार ने इससे पहले 126 राफेल जेट खरीद के सौदा पर बात की थी, जिनमें 18 उड़ान के लिए तैयार दशा में आने थे और 108 का विनिर्माण लाइसेंस के तहत एचएएल द्वारा किया जाना था।

राफेल सौदे में निजी कंपनी के चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं : रक्षा मंत्रालय Reviewed by on . नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर भारत की निजी कंपनी के चयन में भारत सरक नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर भारत की निजी कंपनी के चयन में भारत सरक Rating:
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