नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा ने शनिवार को कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने नगा शांति समझौते पर किसी भी हितधारक से परामर्श नहीं किया। भाजपा ने कहा कि नगालैंड के मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग ने समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने से दो दिन पहले नगालैंड विधानसभा अध्यक्ष की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नगालैंड के मुख्यमंत्री (टी.आर. जेलियांग) ने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात की थी।”
सीतारमण ने कहा, “मुख्यमंत्री निरंतर प्रधानमंत्री के साथ संपर्क में हैं और उन्होंने आज (शनिवार) भी उनसे (प्रधानमंत्री) से मुलाकात की।”
प्रधानमंत्री की उपस्थिति में तीन अगस्त को केंद्र सरकार और एनएससीएन-आईएम के बीच नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
सीतारमण ने पूर्व कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर करने से पहले किसी भी हितधारक से परामर्श नहीं किया था।
उन्होंने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तीस्ता समझौते के बारे में बात की, बांग्लादेश गए लेकिन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उस बारे में जानकारी नहीं दी थी।”
सीतारमण ने कहा, “तत्कालीन राज्यपाल एल.पी. सिंह और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिलिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उन्होंने भी पूर्वोत्तर के किसी भी मुख्यमंत्री को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।”
कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नगा शांति समझौते पर किसी भी हितधारक को भरोसे में न लेने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा कर संविधान की अनदेखी की है।