सियोल, 18 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त प्रगितशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की शुरुआत की, जो लंबे समय से ‘लुक ईस्ट’ बनकर रह गई थी।
सियोल पहुंचने के बाद यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के ‘आई (इंडिया)’ ने डगमगाना शुरू कर दिया था और लगभग शक्तिहीन हो गया था। लेकिन उनकी सरकार में भारत ने अपना कद और महत्व दोनों फिर से हासिल किया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की विदेश नीति का प्रमुख आकर्षण ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ है।
‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, “इससे पहले लुक ईस्ट पॉलिसी थी.. हमने लंबे समय तक इसे देखा है।”
बकौल मोदी, उन्होंने देखा है कि कैसे भारत के पड़ोसी तेज गति से आगे बढ़ रहे थे।
उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों ने पूर्व में कहा था कि ब्रिक्स देश बहुत तेज गति से विकास करेंगे, लेकिन पिछले एक दशक में वे अपनी बात से पलट गए।
उन्होंने कहा, “अर्थशास्त्री अपने मत से बदल गए और कहने लगे कि ब्रिक्स का ‘आई’ लड़खड़ा रहा है और गिर रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स अपनी महत्ता खोता जा रहा है, क्योंकि भारत लुढ़क गया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “लेकिन पिछले एक साल में चीजें बदली हैं और दुनिया को लगता है कि भारत के बिना ब्रिक्स संभव नहीं होगा।”
मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी जैसे मूडीज और विश्व बैंक ने पिछले दो माह में एक स्वर में कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
21 सदी को एशिया की सदी करार देते हुए उन्होंने कहा, “इससे पहले हम सोचते थे कि क्या एशियाई सदी की कहानी में भारत अपनी जगह बना पाएगा? लेकिन अब जिस तरह से भारत बढ़ रहा है, वहां के नागरिकों को लग रहा है कि 21वीं सदी निश्चित रूप से एशिया की होगी।”
उन्होंने कहा कि उदास आर्थिक दृष्टिकोण ने पूर्व में निवेशकों और व्यवसायिकों को निराश किया था और लोग देश छोड़ने को थे।
उन्होंने कहा, “मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन यह सच है। पर अब लोगों की मनोदशा में परिवर्तन हो रहा है।”