विशाखापत्तनम, 7 फरवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश में कापू समुदाय के लिए शिक्षा और आरक्षण की मांग के समर्थन में कापू नेता मुद्रागुडा पद्मनाभम और उनकी पत्नी का अनिश्चितकालीन अनशन रविवार तीसरे दिन भी जारी है।
पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी पद्मावती पूर्वी गोदावरी जिले के किरलामपुडी में अपने निवास पर शुक्रवार से ही अनशन पर हैं। दोनों ने स्वयं को घर में बंद कर रखा है और स्वास्थ्य जांच कराने से भी इनकार कर दिया है।
संयुक्त कलेक्टर सत्यनारायण हालांकि, जिला पुलिस अधीक्षक रवि प्रकाश और चिकित्सकों की टीम के साथ रविवार को पद्मनाभम के घर पहुंचे, लेकिन दंपत्ति ने उन्हें वापस भेज दिया। अधिकारियों ने शनिवार रात भी ऐसा करने की कोशिश की थी।
कापू नेता का कहना है कि उन्हें चिकित्सा जांच की जरूरत नहीं है और वह तथा उनकी पत्नी कापू समुदाय के हित के लिए अपना जीवन समर्पित करने का फैसला कर चुके हैं।
पद्मनाभम ने पुलिस पर उनके घर आने वालों को रोकने का अरोप लगाया है।
इस बीच, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को उनके घर के आस-पास तैनात किया गया है, क्योंकि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनशन तोड़ने के लिए दंपत्ति को जबरन अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।
दंपति की मांग है कि कापू समुदाय को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल किया जाए और उन्हें शिक्षा और नौकरी में आरक्षण भी दिया जाए। उन्होंने एक कापू निगम के लिए 1900 करोड़ रुपये की मांग भी की है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इससे पहले पद्मनाभम से अपील की थी कि वह अनशन समाप्त कर दें और उन्हें आश्वस्त किया था कि आंध्र प्रदेश सरकार अपने वादे पूरा करने के लिए बचनबद्ध है।
सरकार ने कहा है कि कापू समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का विस्तृत अध्ययन करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा और साथ ही कुछ हद तक आरक्षण भी प्रदान करने की बात कही गई है।
इस बीच, पुलिस ने पूरे जिले में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था कर रखी है और 10 या इससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पद्मनाभम ने रविवार को तूनी में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उन्होंने रेल और सड़क यातायात रोकने का आह्वान किया था। प्रदर्शनकारियों ने एक रेलगाड़ी की कई बोगियां फूंक डाली थी, दो पुलिस थानों और कई वाहनों को आग लगा दिया था।
इसे देखते हुए तूनी कस्बे में भी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।