नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली देश की प्रमुख एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) श्रम बल की कमी से जूझ रही है। संस्थान में कुल 2,064 स्वीकृत पद में से 1,382 रिक्त हैं। यानी, संस्थान के मौजूदा 682 अधिकारियों में से प्रत्येक पर कम से कम नौ मामलों का दबाव है। निदेशालय के पास कुल 6,102 मामले लंबित हैं।
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली देश की प्रमुख एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) श्रम बल की कमी से जूझ रही है। संस्थान में कुल 2,064 स्वीकृत पद में से 1,382 रिक्त हैं। यानी, संस्थान के मौजूदा 682 अधिकारियों में से प्रत्येक पर कम से कम नौ मामलों का दबाव है। निदेशालय के पास कुल 6,102 मामले लंबित हैं।
ईडी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉडरिंग एक्ट-2002 (पीएमएलए) और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट-1999 (फेमा) के तहत मामले दर्ज करती है। लंबित मामलों में से 1,326 पीएमएलए से और 4,776 फेमा से संबंधित हैं।
आईएएनएस को मिली निदेशालय की आंतरिक मूल्यांकन रपट के मुताबिक, 2014-15 में प्रत्येक अधिकारी ने औसतन 2.8 मामले निपटाए। अभी प्रत्येक अधिकारी पर औसतन 8.9 मामले लंबित हैं।
यदि अधिकारियों की मौजूदा संख्या के बल पर समस्त मामलों को निपटाया जाए, तो इसमें करीब चार साल लगेंगे।
विशेष जांच दल हालांकि लगातार अधिकाधिक मामले पीएमएलए के तहत दर्ज करने के लिए ईडी के हवाले करता जा रहा है।
इन दिनों खनन घोटाला और विदेश में जमा अघोषित संपत्ति से संबंधित मामले ईडी के हवाले किए जा रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, पीएमएलए काला धन मामले पर सर्वाधिक प्रभावी कानून है। खासकर इसलिए क्योंकि इसके तहत धन की हेराफेरी से संबंधित संपत्ति जब्त करना काफी आसान है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कानूनों के तहत ईडी ने 31 मार्च, 2014 से 31 मार्च, 2015 के बीच 1,093 मामले दर्ज किए। 2013-14 में 1,250 मामले और 2012 तथा 2013 के बीच कुल 1,943 मामले दर्ज किए गए थे।
ईडी ने 2014-15 में 1,918 मामले, 2013-14 में 1,953 मामले और 2012-13 में 1,571 मामले निपटाए।
2013-14 में 3,657 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने हाल में सरकार से पीएमएलए के तहत सीमा शुल्क विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय को शक्ति दिए जाने का अनुरोध किया है।
खास बात यह है कि हाल में कई अधिकारी ईडी को छोड़कर दूसरे विभाग में भी चले गए हैं।
ईडी ने 31 मार्च, 2012 और 31 मार्च, 2015 के बीच 52 लोगों को गिरफ्तार किया है।