अब तीसरी से पांचवीं तक बच्चों को हिंदी में 100 और छठी से आठवीं तक के बच्चों को 150 शब्दों का इमला लिखवाया जाएगा। बच्चों की भाषा, लिखावट और कितने बच्चों ने लिखने में अशुद्धियां की हैं, इन सबका रिकॉर्ड उन स्कूलों के प्रधान-पाठक को रजिस्टर में रखना पड़ेगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों से कहा है कि तीसरी से पांचवीं तक के बच्चे 20 तक एवं छठी से आठवीं तक के बच्चों को 25 तक पहाड़ा सितंबर तक आना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को अंग्रेजी के प्रचलित शब्दों का भी लिखवाकर अभ्यास कराना होगा। इसमें तीसरी-चौथी में 25-30, पांचवीं में 50 शब्द और छठी से आठवीं तक के बच्चों को 75 से 100 शब्दों का अभ्यास कराया जाएगा।
साथ ही बच्चों को गणित के जोड़-घटाव, गुणा, भाग के समस्त सवाल हल करवाए जाएंगे और इसका रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे के मुताबिक, अब भी प्राथमिक-मिडिल स्कूल के बच्चे पढ़ने और लिखने में कमजोर हैं। पिछले दो सालों से बच्चों के पढ़ने-लिखने तथा गणित की मूल संक्रियाओं से संबंधित प्रश्नों को हल कराने पर फोकस किया जा रहा है।