देहरादून, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के फैसले से उत्तराखंड के लाखों किसानों को अब राहत मिलने की सम्भावना है। केंद्र ने फसल बीमा योजना में संशोधन करते हुए बीमा के प्रीमियम को पांच फीसदी से घटाकर दो और डेढ़ फीसदी कर दिया है।
केंद्र ने अब फसल बीमा योजना को बिना लोन वाली फसलों पर भी लागू कर दिया है। केंद्र सरकार की इस मेहरबानी से राज्य के नौ लाख 12 हजार किसानों को लाभ मिलेगा।
कृषि निदेशक गौरीशंकर आर्य के मुताबिक, “केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल बीमा योजना में बदलाव करते हुए फसल बीमा योजना के प्रीमियम को घटा दिया है। मंत्रालय ने रबी और खरीफ की फसलों के लिए प्रीमियम की अलग-अलग दरें तय कर दी हैं।”
उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों, मसलन-धान और मंडवा जैसी फसलों का बीमा कराते समय किसानों को बीमित राशि का महज दो फीसदी भुगतान करना होगा, जबकि गेहूं जैसी रबी की फसलों के लिए बीमित राशि का महज डेढ़ फीसदी भुगतान करना होगा।
वहीं आम, सेब, नाशपाती जैसे फलों की बागवानी के लिए बीमित राशि का पांच फीसदी भुगतान करना होगा।
कृषि निदेशक आर्य की मानें तो योजना के लागू होने के बाद राज्य के नौ लाख 12 हजार किसानों को लाभ मिलेगा, जो 7,02,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती करते हैं।
निदेशक ने बताया, “नई नीति के तहत फसल बीमा योजना का लाभ अब उन किसानों को भी मिलेगा, जो किसी बैंक से ऋण लिए बिना खेती करते हैं। यानी अब राज्य के हर किसानों को फसल बीमा योजना से जोड़ दिया है। फसल बीमा में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, चक्रवात, अग्निकांड जैसी आपदाओं से तबाह होने वाली फसलों को बीमा के दायरे में लाया गया है।”