नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान को रमजान की बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को किए गए फोन से ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समस्त कार्यकर्ता’ नाराज हो गए हैं। उन्होंने इसके लिए मोदी की आलोचना करते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जगह-जगह पोस्टर लगाए।
‘समस्त भाजपा कार्यकर्ता’ के नाम से मंगलवार को जारी ये पोस्टर हालांकि मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेता संजय जोशी के बीच टकराव को भी दर्शाते हैं, जिसमें जोशी को वरिष्ठ भाजपा नेताओं के परिवार से अलग दिखाया गया है।
मध्य दिल्ली में विभिन्न जगहों पर लगे ये पोस्टर हालांकि स्पष्ट तौर पर जोशी समर्थकों की ओर से लगाए प्रतीत होते हैं, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को रमजान की बधाई के बहाने मोदी पर निशाना साधा है। हालांकि जोशी ने पिछले महीने अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे पोस्टर न लगाएं और पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले कदम न उठाएं।
पोस्टर में सबसे ऊपर बाईं ओर मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर है, हालांकि उनके नाम नहीं लिखे हैं। थोड़ा नीचे दाईं ओर जोशी की तस्वीर है, जिसके नीचे उनका नाम और भाजपा में उनके पूर्व के पदों (राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भाजपा) के बारे में भी लिखा है। सबसे नीचे निवेदक के स्थान पर ‘समस्त भाजपा कार्यकर्ता’ लिखा है।
ये पोस्टर शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा भाजपा एवं कांग्रेस के मुख्यालयों में लगाए गए हैं।
पोस्टर में लिखा है, “पाकिस्तान, बांग्लादेश को रमजान पर देते हो बधाई; सुषमा, आडवाणी, संजय जोशी, राजनाथ, गडकरी, मुरली मनोहर जोशी, वसुंधरा के लिए मन में है खटाई।”
इसमें यह भी लिखा है, “न संवाद, न मन की बात, न सबका साथ, न सबका विकास, फिर क्यों करे जनता आप पर विश्वास।”
गौरतलब है कि जोशी ने 21 मई को अपने समर्थकों को पत्र लिखकर पोस्टर न लगाने और पार्टी की छवि को धूमिल करने वाले कदम न उठाने के लिए कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और नरेंद्र मोदी उनके नेता हैं। उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने समर्थन में पोस्टर आने के बाद समर्थकों को यह पत्र लिखा था।
जोशी को वर्ष 2005 में एक सेक्स स्कैंडल का वीडियो सामने आने के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि जांच में वह बेदाग साबित हुए, जिसके बाद उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया। इस बीच, जोशी और मोदी के बीच टकराव की कई खबरें सामने आईं।