गुड़गांव, 29 सितम्बर (आईएएनएस)। गुड़गांव की संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) भारती अरोड़ा ने अपने अधिकारी नवदीप सिंह विर्क पर उत्पीड़न और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके साथ उन्होंने दुष्कर्म के एक हाई प्रोफाइल मामले की जांच में अनुचित दखल देने का भी आरोप लगाया है।
अरोड़ा ने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की है। हालांकि विर्क ने इन आरोपों का खंडन किया है।
अरोड़ा ने संवाददाताओं कहा, “मैं हरियाणा के पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल को पत्र लिख रही हूं और कथित दुष्कर्म मामले में विर्क द्वारा अनुचित हस्तक्षेप की सीबीआई सहित उच्चस्तरीय जांच की मांग करूंगी।”
अरोड़ा ने कहा कि जांच से पता चला है कि कथित दुष्कर्म के आरोपी अजय भारद्वाज, जो कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का बेटा है, और उसके परिवार को जानबूझकर दुष्कर्म के मामले में फंसाया गया है।
अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने इससे पहले भी दो पुरुषों पर इसी तरह के आरोप लगाए थे।
अरोड़ा ने संवाददाताओं को बताया, “जब मैंने दुष्कर्म मामले की जांच शुरू की तो मुझे पता चला कि पुलिस आयुक्त ने गलत तरीके से इस मामले में पूरे परिवार को फंसाया है। मैंने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह गलत है। इसके बाद उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, धमकी दी और कहा, ‘यह केस छोड़ दो नहीं तो तुम्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा’।”
इससे पहले भी अरोड़ा ने विर्क के खिलाफ सिंघल को पत्र लिखा था और उनसे हस्तक्षेप की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें डर है कि विर्क उनके कॅरियर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अजय भारद्वाज एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के अधिकारी हैं और गुड़गांव के पूर्व उपायुक्त आर.पी. भारद्वाज के बेटे हैं। भारद्वाज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(दुष्कर्म) और 506(आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता अजय की पूर्व लिव-इन-पार्टनर है, जो गुड़गांव के अर्डी सिटी की निवासी है, अजय से उसका एक बच्चा भी है।
भारद्वाज को एक अगस्त, 2014 को गुड़गांव पुलिस ने नोएडा से गिरफ्तार किया था।
विवाद पिछले साल जुलाई से शुरू हुआ, जब अरोड़ा को मामले की जांच सौंपी गई।
उस समय विर्क गुड़गांव पुलिस प्रमुख नहीं थे।
विर्क ने इन सभी आरोपों पर कहा, “मैं दुखी हूं कि इस मामले में सहयोगी को मीडिया में गलत बयान जारी करना पड़ा। वह इस मामले में सारी जानकारी और रपट मुख्यालय को भेज चुके हैं।”
विर्क ने कहा कि अरोड़ा अपनी खुद की अवैध कार्रवाइयों को छिपाने के लिए इस तरह के गलत आरोप लगा रही हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक रपट हरियाणा के डीजीपी को भेजी जा चुकी है।
वीर्क ने कहा, “दुष्कर्म पीड़िता को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सुरक्षा भी दी गई है और उसने संयुक्त पुलिस आयुक्त अरोड़ा के कदाचार के बारे में कई शिकायतें की है।”