Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 ‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » पर्यटन » ‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र

‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र

March 26, 2015 7:58 am by: Category: पर्यटन Comments Off on ‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र A+ / A-

images (1)मुंबई, 26 मार्च (आईएएनएस)। अपनी पुस्तक ‘द जंगल बुक’ के चरित्र मोगली के लिए सुविख्यात नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने दक्षिण मुंबई के जिस बंगले में जन्म लिया था उसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

यह बंगला सर जे. जे. कला स्कूल के वृक्षों से भरे परिसर में स्थित है तथा यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किए जा चुके छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के नजदीक है। इसके अलावा किपलिंग के इस जन्मस्थल के नजदीक क्रॉफोर्ड बाजार, मुंबई पुलिस कमिश्नरी जैसे कई धरोहर इमारतें हैं।

इस बंगले में किपलिंग संग्रहालय और पुस्तकालय भी स्थापित किया जाएगा तथा देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाएंगे।

राज्य के शिक्षा एवं सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार को रुडयार्ड किपलिंग के इस जन्मस्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की।

इस बंगले में मौजूद सभी कलाकृतियों को संरक्षित कर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए धनराशि राज्य का सांस्कृतिक मंत्रालय देगा और मंत्रालय ही इमारत में मौजूद लकड़ी और पत्थर के संरचनाओं को पुनर्निर्मित एवं संरक्षित करेगा तथा देख-रेख करेगा।

किपलिंग को 1907 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा साहित्य का नोबेल पाने वाले वह अंग्रेजी भाषा के पहले लेखक बने।

इंग्लैंड वासी कला शिक्षक, चित्रकार एवं निरीक्षक जॉन लॉकवुड किपलिंग और एलिस किपलिंग के घर 30 दिसंबर, 1865 को रुडयार्ड ने जन्म लिया।

रुडयार्ड का जन्म वास्तव में मौजूदा बंगले के ठीक बगल में एक अन्य इमारत में हुआ था, जिसे पिछली एक सदी से ‘किपलिंग बंगला’ के नाम से जाना जाता है।

1857 में जब मुंबई के परोपकारी स्वभाव के कारोबारी जमशेदजी जीजाभाई ने सर जे. जे. कला स्कूल की स्थापना की तो यह किपलिंग बंगला स्कूल परिसर के अंदर आ गया।

इस कला स्कूल को 1866 में सरकार ने अधीग्रहण कर लिया और रुडयार्ड के पिता लॉकवुड किपलिंग को इसका संकायाध्यक्ष नियुक्त किया। लॉकवुड तब स्कूल के परिसर के अंदर स्थित इसी बंगले में रहते थे।

मौजूदा किपलिंग बंगला से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित जिस इमारत में रुडयार्ड का जन्म हुआ था वह कई बार ध्वस्त हुआ और पुनर्निर्मित किया गया।

रुडयार्ड ने जन्म लेने के बाद अपने शुरुआती पांच वर्ष इसी इमारत में बिताए और उसके बाद उनका परिवार इंग्लैंड वापस चला गया।

रुडयार्ड हालांकि 16 वर्ष की अवस्था में एक बार फिर भारत लौटे। तब उन्होंने लाहौर में रहना शुरू किया और नोबल से पुरस्कृत होने के बाद रुडयार्ड ने 1930 में अपने जन्मस्थल को दोबारा दौरा किया।

रुडयार्ड का देहांत जनवरी, 1936 में इंग्लैंड के लंदन हास्पिटल में 70 वर्ष की अवस्था में हुआ।

‘मोगली’ के रचयिता किपलिंग का घर बनेगा पर्यटन केंद्र Reviewed by on . मुंबई, 26 मार्च (आईएएनएस)। अपनी पुस्तक 'द जंगल बुक' के चरित्र मोगली के लिए सुविख्यात नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने दक्षिण मुंबई के जिस बंगले म मुंबई, 26 मार्च (आईएएनएस)। अपनी पुस्तक 'द जंगल बुक' के चरित्र मोगली के लिए सुविख्यात नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने दक्षिण मुंबई के जिस बंगले म Rating: 0
scroll to top