नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल सूखे से प्रभावित राज्यों से परामर्श के बाद अब इस समस्या से निपटने के लिए जल्द ही कई दीर्घकालिक उपायों की घोषणा कर सकते हैं।
एक आधिकारिक सूत्र ने आईएएनएस से सोमवार को कहा, “प्रधानमंत्री सूखा प्रभावित 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ विचार-विमर्श कर चुके हैं। देश में सूखे से लड़ने के लिए दीर्घकालिक उपाय करने का मन है। वह कुछ बड़ी घोषणाएं करने वाले हैं।”
इसमें सूखे से लड़ने के लिए कुछ समयबद्ध उपाय शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को होने वाली बैठक में मोदी संभवत: मंत्रिमंडल के सहयोगियों से यह साझा करें कि उन्होंने 11 मुख्यमंत्रियों के साथ क्या बातचीत की है।
मंत्रिमंडल की चर्चा में सूखा नीति एवं जल प्रबंधन को सामने रखकर कृषि एवं जल संसाधन मंत्रालयों के काम के प्रदर्शन का मुद्दा भी उठ सकता है।
सूत्र ने कहा, “करीब 12 दिनों में प्रधानमंत्री 11 मुख्यमंत्रियों से मिल चुके हैं और पानी की कमी और सूखे पर उनकी, उनके अधिकारियों की और विशेषज्ञों की बातें सुनी हैं। अब सुझावों की जांच की जा रही है और कुछ नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने रविवार को प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, “बहुत सारे राज्यों ने सूखे का प्रभाव कम करने के लिए बहुत सारे अनोखे कदम उठाए।”
उन्होंने सूखे से निपटने के लिए गुजरात एवं आंध्र प्रदेश द्वारा इस्तेमाल प्रौद्योगिकी का भी उल्लेख किया।
अपनी बैठकों के दौरान कम से कम तीन मुख्यमंत्रियों एन. चंद्रबाबू नायडू(आंध्र प्रदेश), रघुबर दास(झारखंड) और देवेंद्र फडणवीस(महाराष्ट्र) ने सुझाव दिया है कि अब तक जिस तरह तदर्थवाद के जरिए कोशिश की गई, उसकी जगह कुछ दीर्घकालिक उपाय करने की जरूरत है।
सूत्र ने कहा कि राजग सरकार सूखा मुक्त भारत के प्रति प्रतिबद्ध है और इसे हासिल करने के लिए राज्यों से सक्रिय समन्वय के साथ रास्ता तैयार करने पर काम कर रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 18 मई को सूखा प्रभावित राज्यों से आग्रह किया था कि जल की कमी की समयबद्ध ढंग से समीक्षा करें और हफ्तेवार कार्ययोजना तैयार करें।
केंद्र सरकार से आपदा पीड़ित किसानों को प्रभावी राहत मिले, इसके लिए गत 12 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2010 में तैयार सूखा प्रबंधन नियमावली संशोधित करने और संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करने को कहा था।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 10 मई को लोकसभा में कहा था कि इस साल सूखे से 13 राज्यों के 313 जिलों के एक लाख से अधिक गांव प्रभावित हैं।
वर्ष 2009 के सूखे से 14 राज्यों के 334 जिले प्रभावित हुए थे।