Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं:इलाहाबाद हाईकोर्ट | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » भारत » सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं:इलाहाबाद हाईकोर्ट

सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं:इलाहाबाद हाईकोर्ट

October 5, 2023 9:30 pm by: Category: भारत Comments Off on सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं:इलाहाबाद हाईकोर्ट A+ / A-

नई दिल्ली: यह देखते हुए कि ‘सप्तपदी’ और अन्य अनुष्ठानों के बिना एक हिंदू विवाह वैध नहीं माना जाता है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस मामले की कार्यवाही को रद्द कर दिया, जहां एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उनकी अलग हुई पत्नी ने उनसे तलाक लिए बिना दूसरी शादी कर ली है.

मामला याचिकाकर्ता स्मृति सिंह से जुड़ा था, जिनकी शादी 2017 में सत्यम सिंह के साथ हुई थी. बाद में पारिवारिक संबंध ख़राब होने पर उन्होंने ससुराल छोड़ दिया और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई. जांच के बाद पुलिस ने सत्यम और उनके परिजनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.

मामला याचिकाकर्ता स्मृति सिंह से जुड़ा था, जिनकी शादी 2017 में सत्यम सिंह के साथ हुई थी. बाद में पारिवारिक संबंध ख़राब होने पर उन्होंने ससुराल छोड़ दिया और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई. जांच के बाद पुलिस ने सत्यम और उनके परिजनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.

बाद में सत्यम ने महिला पर दूसरा विवाह करने का आरोप लगाते हुए आला पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया. उक्त आवेदन की सर्कल अधिकारी (सीओ) सदर, मिर्ज़ापुर द्वारा जांच की गई और ये आरोप झूठे पाए गए.

इसके बाद सत्यम ने महिला के खिलाफ मिर्जापुर के संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष 20 सितंबर, 2021 को एक शिकायत पत्र दाखिल करते हुए दो विवाह करने का आरोप लगाया. मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल, 2022 को याचिकाकर्ता को समन जारी किया. स्मृति सिंह ने हाईकोर्ट में इसी समन और शिकायती मामले की संपूर्ण कार्यवाही को चुनौती दी थी.

स्मृति सिंह द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने कहा, ‘यह अच्छी तरह से स्थापित है कि विवाह के संबंध में ‘अनुष्ठान’ शब्द का अर्थ उचित समारोहों और सही तरीके विवाह का जश्न मनाना है. जब तक विवाह का जश्न उचित समारोहों और तरीके से नहीं मनाया जाता, तब तक इसे पूर्ण नहीं कहा जा सकता.’

अदालत ने आगे कहा, ‘यदि दोनों पक्षों पर लागू होने वाले कानूनों के अनुसार विवाह वैध विवाह नहीं है, तो यह कानून की नजर में विवाह ही नहीं है. हिंदू कानून के तहत सप्तपदी एक वैध विवाह का आवश्यक घटक है, लेकिन मौजूदा मामले में इस साक्ष्य की कमी है.’

अदालत ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा सात को आधार बनाया है जिसके मुताबिक, एक हिंदू विवाह पूरे रीति रिवाज से होना चाहिए जिसमें सप्तपदी (अग्नि को साक्षी मानकर दूल्हा और दुल्हन द्वारा अग्नि के सात फेरे लेना) उस विवाह को पूर्ण बनाती है.’

21 अप्रैल, 2022 के समन आदेश और याचिकाकर्ता महिला के खिलाफ मिर्ज़ापुर अदालत के समक्ष लंबित शिकायत मामले की आगे की कार्यवाही को रद्द करते हुए अदालत ने कहा, ‘यहां तक कि शिकायत के साथ-साथ अदालत के समक्ष दिए गए बयानों में भी ‘सप्तपदी’ के संबंध में कोई दावा नहीं किया गया है, इसलिए, इस अदालत का मानना है कि आवेदक के खिलाफ दूसरी शादी के आरोप के रूप में प्रथमदृष्टया कोई अपराध नहीं बनता है. यह बिना सत्यापित किया गया एक बेबुनियाद आरोप है.’

याचिकाकर्ता महिला के वकील का कहना है कि सत्यम सिंह की शिकायत और समन आदेश कुछ और नहीं बल्कि महिला द्वारा सत्यम के परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के चलते दर्ज करवाया गया एक जवाबी मामला है.

सात फेरों के बिना हिंदू विवाह मान्य नहीं:इलाहाबाद हाईकोर्ट Reviewed by on . नई दिल्ली: यह देखते हुए कि ‘सप्तपदी’ और अन्य अनुष्ठानों के बिना एक हिंदू विवाह वैध नहीं माना जाता है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस मामले की कार्यवाही को रद्द कर दिया नई दिल्ली: यह देखते हुए कि ‘सप्तपदी’ और अन्य अनुष्ठानों के बिना एक हिंदू विवाह वैध नहीं माना जाता है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस मामले की कार्यवाही को रद्द कर दिया Rating: 0
scroll to top