नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने यहां गुरुवार को पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष और तीन कंपनियों को 2002 के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन मामले से बरी कर दिया।
सीबीआई की अदालत के विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने घोष और तीन दूरसंचार कंपनियों-भारती सेल्युलर लिमिटेड, हचिसन मैक्स टेलीकॉम प्रा.लि. (वोडाफोन इंडिया लि.) और स्टर्लिग सेल्युलर लि. (वोडाफोन मोबाइल सर्विस लि.) को उन पर लगे आरोपों से बरी कर दिया है।
दूरसंचार विभाग ने 31 जनवरी 2002 को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम का आवंटन किया था। उस समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी। इस अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन से सरकार को 846 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
सीबीआई ने घोष और अन्य तीनों दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ 21 दिसंबर 2012 को आरोपपत्र दाखिल किए थे।