हेमाद्रि ने बताया कि 14 भारतीय अमीरात से वतन लौटने के लिए तड़प रहे हैं।
रविवार को हेमाद्रि ने जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया के सरकारी आवास 10, केडी मार्ग पर पत्रकारों से बातचीत की। जेल मंत्री की बेटी के एनजीओ ‘हेल्पिंग हेल्पलेस’ की मदद से संयुक्त अरब अमीरात के नगर शारजाह में विहान शिप कंपनी के चुंगल से बड़ी मुश्किल मुक्त कराए गए हमाद्रि की आपबीती सुनकर वहां मौजूद सबके रोंगटे खड़े हो गए। एनजीओ और मंत्री की दखल के बाद हेमाद्रि को तनख्वाह देने के साथ भारत वापस भेजा गया।
हेमाद्रि जब अपने दर्द की कहानी सुना रहे थे, तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने बताया, “एक हजार अमेरिकी डॉलर अनुबंध पर जिस शिप पर मैं काम कर रहा था, वहां 16 भारतीय, एक पाकिस्तानी और म्यांमार का रहने वाला एक युवक था। सभी अपने वतन आने के लिए तड़प रहे थे।”
जेल मंत्री ने बताया कि 16 भारतीयों में से हेमाद्रि समेत दो भारतीयों को वापस लाने में कामयाबी मिली है। बाकी 14 भारतीयों को वापस अपने देश लाने की कार्रवाई निरंतर जारी है।
हेमाद्रि ने विदेश में नौकरी करने की इच्छा रखने वालों को सलाह देते हुए कहा कि कोई भारतीय विदेश में नौकरी करने न जाए। वहां भारतीयों को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि शब्दों में कहना मुश्किल है। जिन लोगों को यहां से ड्राइविंग कहकर ले जाया जाता है। उनसे वहां ऊंट चरवाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि जिनको सिलाई का काम बताकर ले जाया जाता है, उनसे घास कटवाई जाती है, झाड़ू-पोछा लगवाया जाता है और रुपये के नाम पर एक दमड़ी नहीं दी जाती और न ही खाना। इसलिए विदेश में नौकरी करने के बजाय अपने देश के कुछ रुपये ही काफी हैं।