वॉशिंगटन, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका में एक कॉलेज परिसर में गोलीबारी की एक और घटना के बाद दुखी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुस्से में सांसदों को जमकर फटकार लगाई है, क्योंकि एक ताकतवर बंदूक लॉबी के दबाव में सांसदों ने कठोर बंदूक कानून पारित नहीं होने दिए हैं।
गोलीबारी की इस घटना में 10 व्यक्तियों की मौत हो गई और सात अन्य बुरी तरह जख्मी हो गए हैं।
ओरेगॉन के रोजबर्ग स्थित उम्पका कम्युनिटी कॉलेज में गुरुवार को घटे इस नरसंहार के चंद घंटे बाद शोकाकुल ओबामा ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आशा करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि अपने कार्यकाल में अब मुझे फिर इस तरह की घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति सांत्वना और संवेदना प्रकट न करनी पड़े।”
ओबामा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर टिप्पणी करना जैसे मेरे लिए एक नियमित बात हो गई है, उसी प्रकार राजनेताओं और कठोर शस्त्र कानूनों के विरोधियों की प्रतिक्रिया भी।
सबीएस की गणना के हिसाब से नरसंहार की इस घटना के बाद ओबामा का यह 16वां संबोधन था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “कुछ लोग टिप्पणी करेंगे और कहेंगे, ‘ओबामा ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया।’ मगर यह एक ऐसी घटना है जिसका राजनीतिकरण किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हम सबकी सामान्य जिंदगी के लिए बहुत ही प्रासांगिक है।”
अमेरिका में इस तरह के नरसंहार की घटनाओं को रोकने के लिए एक कठोर शस्त्र सुरक्षा कानून पास करवाने में नाकामी को ओबामा अपने कार्यकाल की एक बड़ी विफलता के रूप में देखते हैं, जबकि दूसरे कई देशों ने इस अधिनियम को पास कर दिया है।
ओबामा ने कहा, “इस धरती पर केवल हमारे देश (अमेरिका) में ही मानसिक विकार वाले लोग नहीं हैं, या ऐसे लोग जो दूसरों को हानि पहुंचाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “इस धरती पर हमारा ही एकमात्र ऐसा विकसित देश हैं, जहां हर चंद महीनों में इस तरह की नरसंहार की घटनाएं घटती हैं।”
ओबामा ने यहां तक कि गोलीबारी की घटनाओं से सम्बंधित आंकड़े जुटाने में भी रुकावट डालने के लिए कांग्रेस को फटकार लगाई।
उन्होंने कहा, “अमेरिका में चंद महीनों के अंतराल पर इस तरह की घटनाएं घटने देना हमारी एक राजनीतिक पसंद है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति हम सभी सामूहिक रूप से जवाबदेह हैं।”
ओबामा ने आगे कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि यह उनके कार्यकाल की इस तरह की अंतिम घटना होगी, जिसके लिए उन्हें इस तरह का पीड़ादायक भाषण देना पड़ा है।
ओबामा ने कहा, “जब भी इस तरह की घटना होती है, मैं कहता हूं कि हम इस पर अंकुश लगाने के लिए कुछ करने जा रहे हैं। हम अपने कानून में बदलाव करने जा रहे हैं।”
न्यूयॉर्क सिटी के पूर्व मेयर माइकल ब्लूमबर्ग द्वारा स्थापित ‘एवरीटाउन फॉर गन सेफ्टी’ नामक संस्था के अनुसार, अमेरिका में हर दिन गोलीबारी में 88 लोगों की मौत होती है।
संस्था के मुताबिक, कनेक्टिकट के न्यूटाउन स्थित सैंडी हुक एलीमेंट्री स्कूल में दिसंबर, 2012 की गोलीबारी की घटना के बाद से अमेरिका में अब तक स्कूलों में इस तरह की कम से कम 142 घटनाएं घट चुकी हैं। यानी औसतन हर हफ्ते एक घटना।
सीएनएन के अनुसार, इस बीच, पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए बंदूकधारी की अधिकारियों ने शिनाख्त कर ली है। उसकी पहचान 26 वर्षीय क्रिस हार्पर मर्सर के रूप में की गई है।
गोलीबारी के समय कक्षा में मौजूद रहे एक छात्र के एक अभिभावक ने बताया कि बंदूकधारी ने कम से कम कुछ लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछा था।