नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। पहली इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) के व्यावसायिक साझेदार स्पोर्टी सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (एसएसपीएल) की तरफ से दायर लीग के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की रक्षा से संबंधित याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय 10 दिसंबर को सुनवाई करेगा।
एसएसपीएल ने याचिका 17 अक्टूबर को दायर की थी। लेकिन, एक बयान के जरिए इसकी जानकारी उस वक्त दी, जब बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने 29 अक्टूबर को आईबीएल के दूसरे सीजन का ऐलान किया।
स्पोर्टी सोल्यूशंस के वकील संजीव कुमार ने मंगलवार को कहा, “हमने माननीय न्यायालय से कहा है कि हमारे मुवक्किल स्पोर्टी सोल्यूशंस ने एक समझौते के तहत आईबीएल को बनाया था। लीग का आईपीआर हमारे मुवक्किल के पास है।”
उन्होंने बताया कि हमारा पक्ष सुनने के बाद अदालत ने सभी संबद्ध पक्षों को नोटिस जारी किया है। इनमें महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ भी शामिल है जो त्रिपक्षीय ‘इंडियन वैडमिंटन लीग एंड कामर्शियल राइट्स एग्रीमेंट’ पर दस्तखत करने वालों में शामिल है।
बीएआई ने हाल ही में ऐलान किया है कि वह आईबीएल के दूसरे संस्करण का अयोजन खुद जनवरी 2016 में करने जा रहा है।
एसएसपीएल ने अपने बयान में कहा कि बीआईएल के ऐलान के बाद उसने उच्च न्यायालय में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए याचिका दायर की।
बीआईए ने एसएसपीएल से अपना आईबीएल करार 21 अप्रैल को तोड़ दिया था। उसके बाद दो बार एसएसपीएल याचिका दायर कर चुकी है। पहली याचिका की प्रति आईएएनएस के पास है। इस याचिका को उच्च न्यायालय ने 29 मई को खारिज कर दिया था।
बीआईए के अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता ने कहा था, “वे अपेक्षित बैंक गारंटी देने में असमर्थ रहे थे। इस वजह से हमें करार रद्द करना पड़ा था।”