कोलकाता, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। देश की आर्थिक विकास दर 2015-16 में करीब आठ फीसदी रहेगी। यह अनुमान मंगलवार को राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग के एक सदस्य विवेक देबरॉय ने कही।
उन्होंने यहां कहा, “सड़क और राजमार्ग पर सरकारी निवेश बढ़ा है। बैंकों के पास अवरुद्ध परियोजनाओं की समस्याएं दूर करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इन सभी कारणों से मैं यह मानता हूं कि इस साल (2015-16) विकास दर 7.5 फीसदी नहीं रहेगी, जैसा कि वित्तमंत्री (अरुण जेटली) ने कहा है। बल्कि यह अधिक होगी। यह संभवत: करीब आठ फीसदी रहेगी।”
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास इंजन : कुछ दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जब तक वैश्विक आर्थिक स्थिति सुधरती नहीं है, दहाई अंकों की विकास दर असंभव है।”
देबरॉय ने कहा कि विकास दर और राष्ट्रीय आय की गणना करने के नए तरीके की सार्थकता पर चर्चा करना निर्थक है। उन्होंने कहा, “नया तरीका पुराने तरीके की तुलना में वैश्विक मानक के अधिक करीब है और चूंकि कई चीजें बदल गई हैं, इसलिए नए तरीके की पुराने तरीके से तुलना असंभव है।”