नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। नेस्ले इंडिया ने बुधवार को कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने मैगी नूडल्स को जो जांच करवाने के लिए कहा था, वह मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में पूरी हो चुकी है और उत्पाद को इसी महीने बाजार में पुन: लाने की तैयारी है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा है, “बंबई उच्च न्यायालय ने नवनिर्मित मैगी नूडल्स की जांच के लिए जिन जांचों के आदेश दिए थे, उसे सभी तीनों प्रयोगशालाओं (नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग कैलिबरेशन लेबोरेटरीज) में पूरे कर लिए गए हैं और उनके परिणाम आ चुके हैं।”
कंपनी ने अपने बयान में कहा है, “मैगी नूडल्स मसाला के सभी नमूने जांच में सफल रहे हैं और उनमें सीसा (लेड) की मात्रा तय सीमा से कम पाई गई है।”
बयान के मुताबिक, “हम मैगी नूडल्स मसाला को इसी महीने बाजार में फिर से लाने की हर संभव कोशिश करेंगे। हम उन राज्यों में भी काम करेंगे, जहां मंजूरी लेने की जरूरत है या विशिष्ट निर्देश की आवश्यकता है।”
नेस्ले के खिलाफ सरकार द्वारा मांगे गए 640 करोड़ रुपये के मुआवजे के मामले का सुलझना अभी बाकी है। इस मामले पर फैसला 23 नवंबर को आने की उम्मीद है।
अक्टूबर महीने के मध्य नेस्ले इंडिया ने कहा था कि मैगी नूडल्स के खेप के जिन नमूनों पर सवाल उठाए गए थे, वे बंबई उच्च न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक, जांच के दौरान खरे उतरे हैं, लेकिन कहा कि उत्पाद को तभी बाजार में पुन: उतारा जाएगा, जब नव निर्मित उत्पाद भी परीक्षण में सफल हो जाए।
नवनिर्मित उत्पादों की जांच मोहाली, जयपुर और हैदराबाद की प्रयोगशालाओं में की जाएगी।
नेस्ले ने यह भी कहा कि उसने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में 20 करोड़ पैक से 3,500 नमूनों की जांच करवाई है और इन सभी में वह खरी उतरी है।
बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, “इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भारत से निर्यात की गई मैगी को सेवन के लिए सुरक्षित पाया है।”
कंपनी ने कहा कि वर्तमान में मैगी का उत्पादन कर्नाटक के नानजंगुड, पंजाब के मोगा और गोवा के बिचोलिम में हो रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश के ताहलीवाल और उत्तराखंड के पंतनगर में भी इसके उत्पादन के लिए राज्य सरकार से बातचीत जारी है।
उल्लेखनीय है कि जून महीने में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने उत्पाद में लेड की मात्रा कथित तौर पर तय सीमा से अधिक होने को लेकर मानव स्वास्थ्य के लिए इसे नुकसानदेह बताते हुए पूरे भारत में कंपनी के नूडल्स की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
लेकिन 13 अगस्त को बंबई उच्च न्यायालय ने कंपनी को एक बड़ी राहत देते हुए नूडल्स की बिक्री पर लगी रोक हटा दी, हालांकि न्यायालय ने उसे तीन अलग-अलग प्रयोगशालाओं में उत्पाद की ताजा जांच का आदेश दिया।