प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लखनऊ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव चौधरी और बोधलाल शुक्ला ने आरोप लगाया कि यह घोटाला केंद्र की मोदी सरकार के संरक्षण में हुआ है। सीबीआई का एफआईआर ही इसका बड़ा सबूत है।
इससे पहले, दोपहर में जिला एवं शहर कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय में एकत्रित हुए और जुलूस की शक्ल में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर बढ़े। लेकिन रास्ते में मौजूद पुलिस बल ने हल्का बल प्रयोग करते हुए उनका रास्ता रोक लिया। इस पर कांग्रेसियों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया।
जिला अध्यक्ष गौरव चौधरी ने कहा, “खुद को देश का चौकीदार बताने वाले पीएम मोदी के संरक्षण में आज इतने बड़े-बड़े घोटाले हो रहे हैं और घोटालेबाज बड़ी आसानी से देश से भाग रहे हैं या उन्हें बचान के लिए विदेश भगाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार कितने गहरे तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी और बड़ी शान से देश को झांसा दे रही थी, लेकिन इस ड्रामे से अब पर्दा उठ गया।
वहीं लखनऊ शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बोधलाल शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने सबसे पहले विजय माल्या को देश से बाहर जाने में मदद की और अब पीएनबी के हजारों करोड़ के घोटालेबाज नीरव मोदी एवं अन्य लोगों से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सहयोगी शिवसेना बिल्कुल सही कह रही है कि भाजपा ने 2014 के चुनाव में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से करोड़ों रुपये चंदे में लिए थे, अब मामा-भंजा दोनों को बचाने के लिए देश से भगा दिया गया है और उसकी संपत्ति जब कर कार्रवाई करने का स्वांग रचा जा रहा है।
इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री राजबहादुर, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रमोद सिंह, के.के. पांडेय, अमरनाथ अग्रवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल हुए।