आईपीएस अमिताभ ने सतर्कता निदेशक व अन्य पर खुली जांच में फर्जी और अशुद्ध अभिलेख रचने का आरोप लगाया है।
सीजेएम ने 22 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि अमिताभ ने आरोप लगाया है कि निदेशक सिंह ने अधीनस्थ कर्मियों से मिलकर राजनैतिक दवाब में जानबूझ कर फर्जी तरीके से उनके खिलाफ गलत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर उन्हें फंसाने का प्रयास किया, जो धारा 166, 167, 214, 120बी आईपीसी के तहत अपराध है।
सीजेएम के अनुसार, विपक्षीगण लोक सेवक हैं। उन्होंने खुली जांच शासकीय कर्तव्य के अनुपालन में किया और प्रार्थी अमिताभ को जांच की कथित अनियमितताओं को वरिष्ठ अफसरों के समक्ष या हाईकोर्ट में चुनौती देने का अधिकार है।
कोर्ट ने कहा कि इस जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रार्थी को दंडित नहीं किया गया है और न ही दोषसिद्ध किया गया है, मात्र एफआईआर दर्ज कराई गई है और प्रार्थी विवेचना को तथ्यों को प्रस्तुत कर उस जांच रिपोर्ट को गलत सिद्ध कर सकता है। इसलिए सीजेएम ने कोई सं™ोय अपराध नहीं बनने की बात कहते हुए अमिताभ के प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया।