न्यूयॉर्क, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के प्रभावों के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग और अति प्रयोग को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में इसकी पुष्टि की गई है।
जे वॉन मैकआर्थुर का मानना है कि पर्यावरण के दूषित पदार्थ जीवाणु प्रतिरोध में वृद्धि के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने अमेरिका की सवाना नदी पर स्थित ‘अमेरिकी ऊर्जा विभाग’ में अपनी इस परिकल्पना का परीक्षण किया।
मैकआर्थर ने नदी की धाराओं में पांच एंटीबायोटिक के साथ ई कोलाई बैक्टीरिया के 427 प्रकारों का परीक्षण किया। इस शोध दल ने नौ धाराओं के 11 जगहों के नमूने एकत्र किए। इन सभी नमूनों के धातु संदूषण के स्तर में विविधता पाई गई।
परिणाम बताते हैं कि पानी के 11 नमूनों में से आठ में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के उच्च स्तर का पता चला है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि नदियों के पानी के साथ ही उसकी सतह के पानी में भी एंटीबायोटिक प्रतिरोध का उच्च स्तर था।
मैकआर्थुर बताते हैं, “इन धाराओं में एंटीबायोटिक का कोई खास स्रोत नहीं बचा है। इसमें केवल एंटीबायोटिक प्रतिरोधी के रूप में दूषित पदार्थ की मात्रा ही मौजूद है।”
यह अध्ययन ‘एन्वायरमेंटल माइक्रोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।