नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण से निपटने के लिए वर्ष 2015-16 में एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) योजना के लिए 8335.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) के लिए 205.79 करोड़ रुपये, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (आईजीएमएसवाई) के लिए 438.00 करोड़ रुपये, नवयुवतियों के लिए राजीव गांधी रोजगार योजना (आरजीएसईएजी) सबला के लिए 75.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
बयान के अनुसार, आंगनवाड़ी कामगारों-एडब्ल्यूडब्ल्यू के अवैतनिक होने के कारण सरकार उन्हें समय-समय पर तय मानद मासिक वेतन देती है। पहली अप्रैल, 2011 से आंगनवाड़ी कर्मचारियों-एडब्ल्यूडब्ल्यू के मानद वेतन को 1500 से बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक तथा लघु एडब्ल्यूसी और एडब्ल्यूएच का मानद वेतन 750 से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया था।
बयान में कहा गया है कि लघु एडब्ल्यूसी का वेतन चार जुलाई, 2013 को बढ़ाकर 1500 से 2250 कर दिया गया। इसके अलावा अधिकांश राज्य सरकारों/केन्द्र शासित प्रशासन अपने संसाधनों में इन कर्मचारियों को मानद राशि प्रदान करते हैं।
यह जानकारी 30 अप्रैल को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने दी।