नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के एक पखवाड़े बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व मुंबई से पांच बार सांसद रह चुके गुरुदास कामत ने गुरुवार को कहा कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं।
एक बयान में कामत ने कहा, “पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को अपनी सेवा देता रहूंगा।”
कामत ने छह जून को पार्टी से इस्तीफा दिया था। लेकिन, पार्टी हाईकमान ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने तथा पार्टी के लिए काम करने के लिए मनाया।
कामत ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “मैंने व्यक्तिगत कारणों से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पद से दो सप्ताह पहले इस्तीफा दिया था, ताकि बिना किसी राजनीतिक उद्देश्यों के सामाजिक सेवा कर सकूं।”
उन्होंने कहा, “बीते एक पखवाड़े के दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुझे अपने फैसले पर दोबारा सोचने के लिए समझाने का प्रयास किया। सोनिया गांधी के साथ हुई बैठक ने मेरे दिमाग में यह बात डाली कि देश के लोगों की सेवा के लिए कांग्रेस पार्टी सबसे बेहतर मंच है।”
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि महाराष्ट्र में मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरुपम तथा पार्टी महासचिव मोहन प्रकाश ने कुछ मामलों को जिस तरीके से निपटाया, उससे कामत नाराज थे। मोहन प्रकाश महाराष्ट्र में कांग्रेस मामलों के प्रभारी हैं।
कामत को शहर की राजनीति के बारे में गहरी समझ है और उनकी अनुपस्थिति से पार्टी को झटका लग सकता है, खासकर तब जब पार्टी अगले साल बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव में जीत दर्ज करने के प्रति आशान्वित है।
कामत ने कहा, “बीती रात मिली सूचना के मुताबिक मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के लिए काम जारी रखते हुए गुजरात, राजस्थान, दादर नागर हवेली, दमन एवं दीव का प्रभार संभालूंगा।”
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद हुए विभिन्न विधानसभा चुनावों में शिकस्त के बाद कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पिछले दिनों पार्टी छोड़ने और राज्य में अपनी पार्टी बनाने की घोषणा की।
असम में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने असम विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में अभूतपूर्व भूमिका निभाई।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। बहुगुणा, हरीश रावत के खिलाफ बगावत में मुख्य भूमिका निभा रहे थे।