Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » ख़बरें अख़बारों-वेब से » गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया

गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया

March 31, 2023 9:39 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया A+ / A-

नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा.

रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया भी है.

जस्टिस बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल को चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण में जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है.

लाइव लॉ के अनुसार, गुजरात विश्वविद्यालय ने सीआईसी के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि सीआईसी द्वारा नोटिस दिए बिना ही यह आदेश पारित किया गया था.

विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि तत्कालीन सीआईसी डॉ. श्रीधर आचार्युलु ने केजरीवाल के चुनावी फोटो पहचान-पत्र एक आवेदन पर विचार करते हुए स्वत: आदेश जारी किया था, जबकि उनके सामने कोई कार्यवाही लंबित नहीं थी.

केजरीवाल ने आयोग को था कि जब वह आवश्यक जानकारी पेश करने के लिए तैयार हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी से भी उनकी डिग्री के विवरण का खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी, विशेष रूप से 2016 के आसपास, मोदी के उनकी शैक्षणिक योग्यता संबंधी दावों को लेकर मुखर रूप से अविश्वास जाहिर करती रही है.

आचार्युलू ने केजरीवाल के नोट को ‘नागरिक के रूप में अपनी क्षमता में आरटीआई के तहत आवेदन’ माना था और प्रधानमंत्री कार्यालय के जन सूचना अधिकारी को मोदी की बीए और एमए डिग्री की प्रतियां देने का निर्देश दिया था. गुजरात विश्वविद्यालय, जहां से मोदी ने ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ में स्नातकोत्तर करने का दावा करते हैं, को भी केजरीवाल को उनकी डिग्री की एक प्रति देने का निर्देश दिया गया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय ने मोदी की स्नातक डिग्री को प्रमाणित किया. द वायर ने पहले ही डीयू के तत्कालीन रजिस्ट्रार तरुण दास के हवाले से बताया था कि उनका कहना था, ‘हमने अपने रिकॉर्ड जांचें हैं और यह प्रमाणित किया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री सही है. उन्होंने 1978 में परीक्षा पास की और 1979 में उन्हें डिग्री दी गई थी.’

डीयू ने 2017 के सीआईसी के एक अन्य आदेश को चुनौती दी है जिसमें इसे 1978 के बीए रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति देने के लिए कहा गया है. बताया जाता है कि इसी वर्ष मोदी ने बीए की परीक्षा पास की थी. यह केस दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रहा है.

लाइव लॉ के अनुसार, गुजरात यूनिवर्सिटी के मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विश्वविद्यालय की ओर से तर्क दिया था कि प्रतिशोध लेने और विरोधियों पर बचकाने हमलों के लिए आरटीआई अधिनियम दुरुपयोग किया जा रहा.

मेहता ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी ने पहले ही डिग्री को पब्लिक डोमेन में डाल दिया है. अदालती दलीलें इस बात पर केंद्रित थीं कि क्या आरटीआई अधिनियम का उपयोग ‘किसी की जिज्ञासा को शांत करने’ के लिए किया जा सकता है.

मेहता ने आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) का भी हवाला दिया, जो कहता है कि वह जानकारी जो किसी की व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित है, जिसका किसी भी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है, या जो व्यक्ति की गोपनीयता के अनुचित अतिक्रमण की वजह हो, को तब तक प्राप्त नहीं किया जा सकता जब तक कि अधिकारी आश्वस्त न हों कि इस खुलासे से व्यापक जनहित होगा.

बीते फरवरी महीने में दोनों पक्षों की जिरह के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई में मेहता ने तर्क दिया था कि केवल इसलिए कि कोई सार्वजनिक पद पर है, कोई व्यक्ति उनकी ऐसी निजी जानकारी नहीं मांग सकता है, जो उनकी सार्वजनिक जीवन/गतिविधि से संबंधित नहीं है.

मेहता ने दलील दी थी कि प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में जानकारी ‘पहले से ही सार्वजनिक रूप पर उपलब्ध है’ और विश्वविद्यालय ने पूर्व में अपनी वेबसाइट पर विवरण भी पेश किया था.

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में बताया था कि उन्होंने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए किया था और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री ली थी.

उनकी एमए की डिग्री के संबंध में भी एक विवाद हो चुका है. साल 2017 में गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जयंती पटेल ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि नरेंद्र मोदी की डिग्री में जिस पेपर का उल्लेख किया गया है, उस समय एमए के दूसरे साल में ऐसा कोई पेपर नहीं था.

साल 2016 में प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल उठने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा प्रधानमंत्री के एमए के विषयों के नाम बताए गए थे.

इसी बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए जयंती पटेल ने लिखा था, ‘इन पेपरों के नाम में कुछ सही नहीं है. जहां तक मेरी जानकारी है, उस समय एमए के दूसरे साल में इन नामों का कोई पेपर नहीं हुआ करता था. मैं वहीं राजनीति विज्ञान विभाग में था. मैंने वहां 1969 से जून 1993 तक पढ़ाया है.’

गुजरात: सीआईसी का पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी केजरीवाल को देने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द किया Reviewed by on . नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधा नई दिल्ली: गुजरात हाईकोर्ट सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधा Rating: 0
scroll to top