इस एक्सपो के दौरान चीन ने अरब देशों के साथ नए उत्पादों के निर्माण की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए निंगशिया हुई स्वायत्त क्षेत्र में एक प्रौद्योगिकी स्थानांतरण केंद्र की स्थापना की।
इस एक्सपो के दौरान उपग्रहों, दूरसंचार और कृषि प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए कुल 11 द्विपक्षीय समझौते हुए, जबकि अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा जारी है।
इस सिलसिले में एक वेबसाइट शुरू की गई है और विशेषज्ञों व उद्यमों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। केंद्र के लिए एक नई इमारत का शिलान्यास यिचुआन में 2016 में होगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री वान गांग ने कहा कि चीन अरब देशों के साथ कृषि, ऊर्जा, परिवहन, दूरसंचार, प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण, स्वास्थ्य और उपग्रह नैविगेशन क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों में साझेदारी करने का इच्छुक है।
वान ने कहा कि चीन और अरब देश संयुक्त रूप से राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना करेंगे और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एमओएसटी) मंत्रालय प्रयोगशालाओं को आर्थिक मदद, उपकरण और कर्मचारी उपलब्ध कराएगा। एमओएसटी चीन में अनुंसधानों के लिए अधिक अरब वैज्ञानिकों को आमंत्रित करेगा।