समझौते के तहत दोनों देशों के केंद्रीय बैंक आपसी व्यापार भुगतान के निपटारे के लिए एक मुद्रा के भुगतान का दूसरे मुद्रा के समान मूल्य के साथ निपटारा कर सकेंगे।
पीबीओसी ने एक ऑनलाइन बयान में कहा कि यह समझौता तीन अरब युआन (करीब 47 करोड़ डॉलर) का है और इसकी अवधि तीन साल की है। यदि दोनों पक्ष सहमत होंगे, तो इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकेगा।
पीबीओसी के मुताबिक, इस समझौते से आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय वित्तीय स्थिरता को सुरक्षा मिलेगी।
सीमा शुल्क आंकड़ों के मुताबिक, चीन 2014 में ताजिकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा निवेश स्रोत और तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बन गया है।
चीन अपनी मुद्रा का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है और यह समझौता इसी दिशा में एक ताजा कदम है। पीबीओसी ने 30 से अधिक अन्य देशों और क्षेत्रों के साथ भी कुल 3,000 अरब युआन के ऐसे समझौते किए हैं।