मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा, “लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-78 के तहत मतगणना के 30 दिवस के भीतर प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने निर्वाचन व्यय का विस्तृत ब्यौरा आयोग को दाखिल करना होता है। अभ्यर्थी अपना लेखा जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करता है।”
नियमानुसार 11 दिसंबर को मतगणना के दिन से 10 जनवरी को निर्वाचन व्यय ब्यौरा जमा करने का अंतिम दिन था। इसके बाद अब जिला निर्वाचन अधिकारी उन सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर व्यय लेखा जमा नहीं करने का कारण पूछेंगे।
साहू ने कहा, “नोटिस प्राप्ति के 20 दिनों के भीतर इसका जवाब जमा करना होगा। अभ्यर्थी के जवाब और जिला निर्वाचन अधिकारी की टिप्पणी पर विचार उपरांत भारत निर्वाचन आयोग इस पर निर्णय लेता है। आयोग यदि जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो धारा-10 (क) के अधीन अभ्यर्थी को आदेश जारी होने के दिन से अगले तीन सालों के लिए निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है, और इसे शासकीय राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा।”