साल भर यानी 365 दिन पानी में डूबे रहने वाले आसपास के इलाकों की तरह ही बोड़ानाला गांव भी सालों तक अंधेरे में डूबा रहा। किसी ने कभी सुध नहीं ली। कुछ साल पहले सौर उर्जा से गांव को कुछ घंटे के लिए रोशनी तो मिली, लेकिन यह पर्याप्त नहीं थी। गांव वालों को अपने गांव में बिजली के खंभों के साथ चौबीस घंटे की बिजली कनेक्टीविटी की दरकार थी।
प्राकृतिक सुंदरता और नैसर्गिक वातावरण से परिपूर्ण इस गांव की खूबसूरती जहां यहां आने वालों की भी आकर्षित करती है, वहीं इस खूबसूरत गांव के वाशिंदों को कई सालों तक इस बात का मलाल था कि उनके गांव में बिजली ही नहीं है, ऐसे में इस खूबसूरत गांव में रहने का भी क्या मतलब!
ग्रामीणों की इस व्यथा को समझते हुए शासन ने बड़ा कदम उठाया और डूबान क्षेत्र वाले ग्राम बोड़ानाला में बिजली पहुचाने की सक्रियता दिखाई है। इधर गांव में बिजली पहुंचने के साथ ही ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी है और उन्हें बिजली के उजालों के साथ उम्मीद की एक नई किरण भी दिखाई देने लगी है।
पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोड़ानाला एक पुराना गांव है। बांगों डूबान से लगे होने की वजह से गांव में रहने वाले अधिकांश परिवार मछली पकड़कर बाजार में बेचने का काम करते हंै।
गांव के लोगों की मांग थी कि उनके गांव में बिजली जल्द से जल्द पहुंचाई जाए, जिससे वे भी आधुनिक संचार साधन टीवी, अन्य उपकरण का लाभ उठा सकें। साथ ही उनके बच्चों को चिमनी या ढिबरी में न पढ़ना पड़े। गांव में सौर ऊर्जा की व्यवस्था से रात में कुछ घंटे राहत तो मिली, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। गांव को चौबीस घंटे बिजली देने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा तैयारी शुरू की गई।
आखिरकार यहां खंभे, ट्रांसफार्मर और घरों में बिजली का मीटर लगाया गया। गांव में विद्युत आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है। ग्रामीण कमलेश का कहना है कि सौर सिस्टम से रात 6 बजे से 10 बजे तक लाइट जलती है। अब गांव में बिजली पहुंच जाने से दिन में भी बिजली की सुविधा मिलने लगी है। गांव में बिजली पहुंचने से रात में चारों तरफ उजाला होगा। बच्चे रोशनी में पढ़ाई कर सकेंगे।
ग्रामीण मेवाराम का कहना है कि सौर सिस्टम में टीवी और अन्य उपकरण चलाने में असुविधा थी। विद्युत से वे टीवी तथा अन्य विद्युत उपकरण का लाभ उठा सकते हैं।
यहां रहने वाली महिला फगनी बाई का कहना है कि उनके गांव में सभी अंधेरे के बीच रहते थे। जब उन्हें ग्राम पंचायत या जनपद मुख्यालय जाना होता है तो अभी भी नाव लेकर डूबान को पार कर जाना पड़ता है। अन्य गांव में बिजली पहुंच जाने से उन्हें भी लगता था कि जल्दी ही उनके भी गांव में बिजली पहुंचे। आज यहां बिजली पहुंच गई है। उनके घर में भी बिजली का मीटर लग गया है।
फगनी बाई ने बताया कि आसपास जंगल और पानी का डूबान होने की वजह से अंधेरे में रहना एक बड़ी चुनौती और समस्या थी। उनके गांव के आसपास पानी है, लेकिन इसका उपयोग फसलों की सिंचाई में नहीं कर पाते थे। अब बिजली की मदद से पंप लगाकर पानी का उपयोग फसल के साथ सब्जी उगाने में भी कर सकते हैं।
विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता पी.आर.राजवाड़े ने बताया कि ग्राम बोड़ानाला में 1.75 किलोमीटर तक 11 केव्ही और एलटी लाइन 1.66 किलोमीटर लगाई गई है। गांव में दो ट्रांसफार्मर 16 केबी एवं 25 केबी का लगाया गया है। यहां 36 बीपीएल परिवारों को भी कनेक्शन दी गई है।