नई दिल्ली, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कांग्रेस से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल जिस तरह की पूर्व शर्ते लगा रहा है, वे उसके खुद के पहले के कर प्रस्तावों में नहीं थीं।
जेटली ने लोकसभा में अपने मंत्रालय की पूरक अनुदान मांग को पेश करने के दौरान ये बातें कही। कांग्रेस के सांसद इस मौके पर सदन में मौजूद नहीं थे।
जेटली ने कहा, “पार्टी (कांग्रेस) की पूर्व शर्ते खुद इसी के बनाए जीएसटी विधेयक के खिलाफ हैं। जीएसटी निसंदेह सभी राजनैतिक दलों के सामूहिक विवेक का नतीजा है। जो लोग गरीब समर्थक होने के नाम पर सुधार का विरोध कर रहे हैं, वे दरअसल देश में हमेशा गरीबी को बनाए रखना चाहते हैं।”
इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इन रपटों को खारिज कर दिया कि जीएसटी के प्रारूप को लोगों की राय लेने के लिए सार्वजनिक मंच पर रखा गया है।
विशेष सचिव (राजस्व) रश्मि वर्मा ने कारोबारी संस्था एसोचैम की 53वीं सालाना सभा में कहा कि जीएसटी के जिस प्रारूप को किसी ने सार्वजनिक किया है, वह आधिकारिक नहीं है। अभी इस पर काम चल रहा है। एक महीने में इसे अंतिम रूप देने के बाद इसे लोगों के बीच रखा जाएगा।
कारोबारी संस्था फिक्की ने एक बयान में बताया है कि प्रस्तावित जीएसटी पर अरुण जेटली से सलाह-मशविरे के लिए बुधवार को फिक्की, एसोचैम, भारतीय उद्योग परिसंघ, और पीएचडी चैंबर्स की तरफ से एक बैठक का आयोजन किया जाएगा।