नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पिछले दिनों अपने कार्यालय पर फर्जी छापेमारी का आदेश देने पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफा देने की मांग कर डाली, वहीं प्रधानमंत्री ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) भ्रष्टाचार मामले में घिरे केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का बचाव करते हुए कहा कि वह सभी आरोपों से बेदाग निकल आएंगे।
डीडीसीए प्रकरण पर बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मोदी के खिलाफ अब तक का सबसे तीखा हमला करते हुए डीडीसीए भ्रष्टाचार मामले में संलिप्त जेटली को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग भी की।
कांग्रेस ने भी ‘गरिमा और सम्मान’ की दुहाई देते हुए जेटली को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की।
केजरीवाल ने कहा, “मैं केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को बचाने के उद्देश्य से सीबीआई को फर्जी छापेमारी का आदेश देने के लिए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करता हूं।”
केजरीवाल ने 15 दिसंबर को अपने कार्यालय पर हुई सीबीआई छापेमारी पर कहा, “उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए।” सीबीआई ने हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापेमारी से इनकार किया है और उसका कहना है कि उन्होंने सिर्फ केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर छापेमारी की थी।
इस बीच मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेटली द्वारा दायर किए गए मानहानि के दावे पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं को नोटिस जारी किया।
डीडीसीए के 13 वर्षो तक अध्यक्ष रहे जेटली ने आप नेताओं पर अपनी मानहानि के क्षतिपूर्ति स्वरूप 10 करोड़ रुपये का दावा किया है।
उच्च न्यायालय ने केजरीवाल और बचाव पक्ष के पांच अन्य आप नेताओं, कुमार विश्वास, राघव चड्ढा, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी से अगले साल पांच फरवरी तक अपने-अपने जवाब पेश करने के लिए कहा है। आप नेताओं द्वारा जवाब पेश करने के दो सप्ताह बाद जेटली अदालत को अपना प्रत्युत्तर पेश करेंगे।
इसके अलावा अदालत ने केजरीवाल और आप नेताओं से जेटली पर लगाए गए आरोपों के सबूत में वास्तविक दस्तावेज भी पेश करने के लिए कहा है।
जेटली ने इसके अलावा सभी पक्षों के खिलाफ पटियाला हाउस अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।
इस बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी 1990 में हवाला के आरोपों से मुक्त हो गए, उसी तरह जेटली भी तमाम आरोपों से बेदाग निकल आएंगे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव-2014 में अपनी हार अब तक नहीं पचा पाई है और उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।
लंबे समय से डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले और रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर डीडीसीए भ्रष्टाचार का ब्योरे के साथ खुलासा करने वाले भाजपा सांसद एवं पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने हालांकि भाजपा सांसदों की इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा ने आजाद को निलंबित करने का निर्णय ले लिया है।
डीडीसीए प्रकरण पर कांग्रेस सदस्यों द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी के कारण मंगलवार को भोजनकाल से पहले राज्यसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। लोकसभा की कार्यवाही भी प्रभावित रही।
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने डीडीसीए प्रकरण में जेटली से संबंधित फाइल की छानबीन करने के लिए उनके कार्यालय पर छापेमारी की थी।
केजरीवाल ने कहा कि यदि जेटली निर्दोष हैं तो वह इसे दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के समक्ष साबित करें।
उन्होंने कहा, “सीबीआई का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापा नहीं मारा गया..केवल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव (राजेंद्र कुमार) के कार्यालय पर छापेमारी की गई। अगर यह सही भी है तो वह मेरे कार्यालय में क्यों घुसे?”
केजरीवाल ने मोदी पर दिल्ली सरकार के कामकाज को लगातार बाधित करने का भी आरोप लगाया।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि छह दिनों तक 50 घंटे से अधिक पूछताछ के बावजूद सीबीआई इस मामले में राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी मामला दर्ज नहीं कर पाई है
उन्होंने कहा, “वे उन्हें (राजेंद्र कुमार) मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।”
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के 10 लाख रुपये का सूट पहनने का भी मजाक उड़ाया और कहा कि ‘भला एक चाय वाला इतना महंगा सूट कैसे पहन सकता है’।