रांची, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड में चिकित्सकों ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने अगर नई अवकाश नीति वापस नहीं ली तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) के अध्यक्ष बिमलेश सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “हमने रविवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से मुलाकात की और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया। अगर नई अवकाश नीति वापस नहीं ली गई तो हम 2 नवंबर से सामूहिक अवकाश लेंगे और 15 नवंबर को सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।”
15 नवंबर को झारखंड अस्तित्व में आया था।
नई अवकाश नीति के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में तैनात शिक्षकों और चिकित्सकों को छुट्टी लेने के लिए गांव के मुखिया से इजाजत लेनी पड़ेगी। मुखियाओं को इनकी उपस्थिति की जांच का अधिकार भी दिया गया है।
इस नीति के खिलाफ रविवार को 600 चिकित्सकों ने मार्च निकाला। चिकित्सक मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे थे लेकिन उन्हें राज्यपाल के आवास के पास रोक लिया गया जहां वे धरने पर बैठ गए।
200 चिकित्सकों के खिलाफ पुलिस से झड़प की शिकायत दर्ज कराई गई है।
चिकित्सकों को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का समर्थन हासिल है।
आईएमए की महिला शाखा की अध्यक्ष भाटी कश्यप ने आईएएनएस से कहा, “सिर्फ चिकित्सक और शिक्षक ही क्यों? नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को भी पंचायती राज व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए।”
शिक्षकों ने भी कहा है कि वे नई अवकाश नीति के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने नीति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का फैसला किया है। शिक्षकों ने कहा है कि वे 15 नवंबर को मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शन करेंगे।