कोपेनहेगन, 19 जून (आईएएनएस)। डेनमार्क में सत्तारूढ़ मध्यमार्गी-वामपंथी सरकार को विपक्षी गठबंधन के हाथों 2015 के आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़े से सामने आई है।
डेनमार्क की समाचार एजेंसी रित्जाउ के मुताबिक, अब तक सभी मतों की गिनती हो चुकी है और पूर्व प्रधानमंत्री लार्स लोएके रासमुसेन नीत गठबंधन को 52.3 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि प्रधानमंत्री हेले थॉर्निग-स्मिट की गठबंधन पार्टी को 47.7 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं।
रासमुसेन की गठबंधन पार्टी को 90 सीटें मिली हैं, जो कि 179 सदस्यीय संसद में बहुमत का आकड़ा है।
डेनमार्क में वेंस्त्रे के नाम से चर्चित और रासमुसेन के नेतृत्व वाली द लिबरल पार्टी को 19 प्रतिशत वोट और 34 सीटें मिली हैं। हालांकि, इसके मतदाताओं की संख्या में 7.2 फीसदी कमी हुई है।
मध्यमार्गी-दक्षिणपंथी गठबंधन की जीत का मतलब है कि रासमुसेन एकबार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।
रासमुसेन ने मतगणना के बाद संसद में कहा, “लिब्रल्स के लिए यह अच्छा चुनाव नहीं रहा है, लेकिन यहां अधिकांश पार्टियों का मानना है कि डेनमार्क में नई सरकार होनी चाहिए। जो कि हमें एक अवसर देती है और यह अवसर सिर्फ पुराने विकल्प को फिर से पाना है।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने आव्रजन के मुद्दे पर स्पष्ट किया कि हम ऐसा डेनमार्क चाहते हैं, जहां शरणार्थियों पर नियंत्रण होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इसलिए जब कभी डेनमार्क का कोई नागरिक किसी विदेशी नागरिक की आंखों में देखे, तो वह यह पाए कि वह व्यक्ति डेनमार्क को अपनाना चाहता है।”
रासमुसेन ने लोक कल्याण के विषय पर भी बात की, जहां बीमार, बुजुर्ग, संवेदनशील लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
थॉर्निग की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को 26.3 फीसदी वोट मिले हैं और इसने 47 सीटें जीती हैं। इसके साथ ही यह डेनमार्क की संसद में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।
इस बीच, यूरोस्केप्टिक दानिश पीपुल्स पार्टी 21.1 फीसदी वोट के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बन गई है, जिसका नेतृत्व क्रिस्टियन तुलेसेन दहल कर रहे हैं।
मध्यमार्गी-दक्षिणपंथी गठबंधन ने रासमुसेन को प्रधानमंत्री बनाए जाने पर सहमति जताई है।
रेड-ग्री अलायंस या इनहेड्सलीसन को चौथा स्थान मिला है और इसने 14 सीटें जीती हैं, इसके बाद लिबरल अलायंस का स्थान है, जिसके खाते में 13 सीटें गई हैं।