मायावती ने बुधवार को अपने बयान में घटना की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि दलित समाज को न्याय मिलना अब और ज्यादा लगातार मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने इस घटना को सरकारी आतंकवाद करार दिया। मायावती ने इस मामले में जिम्मेदार दोनों केन्द्रीय मंत्रियों और विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने पार्टी के राज्य सभा सांसद वीर सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल को भी बुधवार को पीड़ित परिवार के लोगों से मिलने के लिए हैदराबाद भेजा।
बसपा मुखिया ने कहा कि आर.एस.एस. की मानसिकता रखने वाली भाजपा, उसकी सरकार व उनके मंत्रियों की सोच व व्यवहार दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम समाज के करोड़ों लोगों के प्रति घातक, क्रूर, जातिवादी व अमानवीय है। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के आने के बाद से पूरे देश भर में इस वर्ग के लोगों के खिलाफ जुल्म-ज्यादती व अन्याय की घटनायें लगातार बढ़ी हैं।
मायावती ने कहा कि इस तरह का कृत्य करने वाले अपराधिक लोगों के खिलाफ भाजपा व उनकी सरकारों का रवैया कानून के मुताबिक नहीं होकर काफी नम्र व उदार रहा है, जिससे ऐसे तत्वों को लगातार शह मिल रही है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी सांसद व मंत्री अमर्यादित होकर लगातार ऐसे गलत व अशोभनीय एवं जातिवादी बयान देते रहते हैं, जिससे देश का पूरा सामाजिक, राजनैतिक व साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ता है और दूसरे लोगों को जघन्य अपराध करने की हिम्मत बढ़ती है। ऐसे ज्यादातर मामलों में या तो कानून को काम नहीं करने दिया जाता या फिर कानून को लागू करने वाले लोग खामोश ही रह जाते हैं।
बसपा मुखिया ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा-आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी की इस प्रकार की घृणित जातिवादी मानसिकता से प्रभावित नीति व व्यवहार की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।