पुणे (महाराष्ट्र),16 जून (आईएएनएस)। शहर की एक अदालत ने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के प्रमुख आरोपी सर्जन व दक्षिणपंथी कार्यकर्ता वीरेंद्र एस. तावड़े की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत की अवधि 20 जून तक के लिए बढ़ा दी है।
सीबीआई ने 20 अगस्त, 2013 को पुणे में तर्कशास्त्री दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में पिछले सप्ताह तावड़े को पनवेल से गिरफ्तार किया था।
तावड़े की सीबीआई हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए सीबीआई के अधिवक्ता बी.पी. राजू ने न्यायिक दंडाधिकारी वी. बी. गुल्वे पाटिल को बताया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा और पूछताछ के लिए उसकी हिरासत जरूरी है।
कान, नाक व गला रोग (ईएनटी) विशेषज्ञ तावड़े सनातन संस्था का कार्यकर्ता है और दाभोलकर हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया पहला आरोपी है।
माना जा रहा है कि जांचकर्ताओं ने सबूत जुटाए हैं कि तावड़े और सनातन संस्था का उसका साथी सारंग अकोलकर 2009 में दाभोलकर की हत्या करना चाहते थे, लेकिन गोवा आतंकवादी विस्फोट के मद्देनजर उन्होंने अपनी योजना को अंजाम नहीं दिया। सारंग फिलहाल फरार है।
अग्रणी अंधविश्वास विरोधी और काला जादू विरोधी 67 वर्षीय दाभोलकर की दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने 20 अगस्त, 2013 की सुबह पुणे के ओंकारेश्वर पुल के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जांच में स्थानीय पुलिस की नाकामी के बाद बम्बई उच्च न्यायालय ने मई 2014 को यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था।
सनातन संस्था दाभोलकर हत्याकांड के अलावा दिग्गज साम्यवादी गोविंद पंसारे और तर्कवादी एम.एम. कलबुर्गी की हत्या को लेकर भी जांच के दायरे में है।
हालांकि, संस्था ने इन मामलों में संलिप्तता से इनकार किया है।