Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 दुनिया के एक-तिहाई लोग आकाशगंगा नहीं देख पाते | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

Home » विश्व » दुनिया के एक-तिहाई लोग आकाशगंगा नहीं देख पाते

दुनिया के एक-तिहाई लोग आकाशगंगा नहीं देख पाते

प्रकाश प्रदूषण कृत्रिम प्रकाश की वजह से फैलता है। रात में बिजली की तेज रोशनी, स्ट्रीट लाइट, इमारतों और कार्यालयों का भीतरी और बाहरी प्रकाश, सड़कों पर विज्ञापनों के लिए लगे विद्युत खंबे और अन्य मानव निर्मित प्रकाश स्रोतों के कारण प्रकाश प्रदूषण फैलता है। ये प्राकृतिक चक्र पर एक विघटनकारी प्रभाव डालते हैं, जिससे तारों और ग्रहों को देखना मुश्किल हो जाता है।

इटली, जर्मनी, इजरायल, अमेरिका के शोधार्थियों के अनुसार, “प्रकाश प्रदूषण अब केवल पेशेवर खगोलविदों की समस्या नहीं रह गई है।”

यह समस्या मूलभूत मानवीय अनुभव के लिए एक बाधा उत्पन्न कर रही है, जो प्रत्येक मानव के लिए रात में आकाश को निहारने और उसके बारे में विचार करने का अवसर देती है।

यह नया एटलस उच्च-रिजोल्यूशन उपग्रह आंकड़ों और सटीक आकाशीय चमक की माप पर आधारित है, जो प्रकाश से पटे पड़े विश्व के कई स्थानों की जानकारी देती है।

एटलस के मुताबिक, विश्व का सबसे अधिक प्रकाश प्रदूषित शहर सिंगापुर है। जहां की समूची जनसंख्या वास्तविक रात का अनुभव नहीं ले पाती है।

पश्चिमी यूरोप में केवल छोटे शहर ही इस समस्या से अछूते हैं, जिसमें स्कॉटलैंड, स्वीडन, नार्वे और स्पेन तथा ऑस्ट्रिया के कुछ स्थान शामिल हैं।

वहीं प्रकाश प्रदूषण से सबसे कम प्रभावित होने वाले देशों में चांद, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और मेडागासकर समेत कई क्षेत्रों के एक-तिहाई लोग गहरी काली रातों का अनुभव कर पाते हैं।

शोधार्थियों ने खासतौर पर जी-20 देशों का आकलन किया था, जिसके आधार पर इटली, दक्षिण कोरिया सबसे अधिक और कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया सबसे कम प्रदूषित मिले।

भारत और जर्मनी के लोग अपने घरों से आकाशगंगा का दीदार करने में अधिक सक्षम हैं, वहीं सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया के लोग यह अनुभव बहुत कम कर सकते हैं।

इसके साथ ही अमेरिका की आधी जनसंख्या पश्चिमी अमेरिका की विस्तृत खुले क्षेत्रों के बावजूद प्रकाश प्रदूषण का सामना करती है।

अंतत: पृथ्वी के 80 प्रतिशत लोग प्रकाश प्रदूषित आसमानों के नीचे रहते हैं।

दुनिया के एक-तिहाई लोग आकाशगंगा नहीं देख पाते Reviewed by on . प्रकाश प्रदूषण कृत्रिम प्रकाश की वजह से फैलता है। रात में बिजली की तेज रोशनी, स्ट्रीट लाइट, इमारतों और कार्यालयों का भीतरी और बाहरी प्रकाश, सड़कों पर विज्ञापनों प्रकाश प्रदूषण कृत्रिम प्रकाश की वजह से फैलता है। रात में बिजली की तेज रोशनी, स्ट्रीट लाइट, इमारतों और कार्यालयों का भीतरी और बाहरी प्रकाश, सड़कों पर विज्ञापनों Rating:
scroll to top