नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जून से ही धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को जंतर-मंतर से जबरन हटा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से उन्हें जंतर-मंतर से हटाया गया।
पुलिस उपायुक्त विजय सिंह आईएएनएस को बताया, “स्वतंत्रता दिवस से पूर्व जंतर-मंतर से सभी प्रदर्शनकारियों को हटाने का यह कदम नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से उठाया गया, जिसमें दिल्ली पुलिस ने सहयोग दिया।”
वहीं, धरनारत पूर्व सैनिकों ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शन करने के लिए सभी जरूरी अनुमति ली थी।
युनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन के प्रवक्ता कर्नल अनिल कौल (सेवानिवृत्त) ने आईएएनएस को बताया, “हमने विरोध-प्रदर्शन करने की इजाजत ली हुई थी और शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। यह कार्रवाई तो हमसे पिंड छुड़ाने की कोशिश है, क्योंकि उनके पास हमारी मांगों का कोई जवाब नहीं है।”
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक आंदोलन को लेकर अंतिम फैसला 15 अगस्त को करेंगे, क्योंकि उस दिन प्रधानमंत्री द्वारा इस संबंध में कोई घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी यहां 15 जून से ही क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं।
यदि यह लागू हो जाता है तो इससे करीब 25 लाख पूर्व सैन्यकर्मियों को लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे सरकार पर 8,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इसके लागू हो जाने के बाद पूर्व में सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों और सैन्यकर्मियों को भी उतना ही पेंशन मिलेगा, जितना अब सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों और सैन्यकर्मियों को मिलेगा।