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नंदिता दास समलैंगिकों के अधिकारों को लेकर आशावान

मुंबई, 24 जनवरी (आईएएनएस)। प्रख्यात बॉलीवुड अभिनेत्री नंदिता दास का कहना है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के मामले में हालांकि देश अभी भी वहीं खड़ा है, लेकिन वह इसे लेकर आशावान हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2009 में समलैंगिकता को अपराधमुक्त कर दिया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 में धारा 377 को बरकरार रखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले को पलट दिया था।

नंदिता जो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने कहा, “हमारा देश विरोधाभासों वाला देश है, जहां हम दो कदम आगे बढ़ाते हैं और कई बार तीन कदम पीछे हटा लेते हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जब इस पर फैसला दिया तो हमने उल्लास मनाया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संसद पर छोड़ दिया और इस मामले में हम फिर से वहीं आ गए।”

नंदिता ने कहा, “यह एक मुश्किल लड़ाई है, लेकिन मैं इसे लेकर आशावान हूं। दिल्ली उच्च न्यायालय इसे निरस्त करना चाहता था और लोग इसके बारे में बातें करने लगे हैं और इसे मुख्यधारा की चर्चा का विषय बना रहे हैं।”

अभिनेत्री, निर्देशक ने मई में आयोजित होने वाले ‘बेस्ट ऑॅफ कशिश’ महोत्सव के लिए पैनल चर्चा में कहा, “मैं नहीं जानती कि कुछ मामलों में हम परिपक्व हैं या नहीं, लेकिन कई मामलों में फिल्म ‘फायर’ एक मील का पत्थर थी क्योंकि विरोधों के बावजूद इसमें एक भी कट नहीं किया गया।”

नंदिता और शबाना आजमी अभिनीत इस फिल्म में समलैंगिकता के मुद्दे को उठाया गया है।

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