पठानकोट, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादी हमले के खिलाफ सुरक्षा बलों का आपरेशन सोमवार को भी जारी रहा। 62 घंटे से चल रहे आपरेशन में सुरक्षा बलों ने पांच हमलावर आतंकवादियों को मार गिराने में सफलता पाई है। सात सुरक्षाकर्मी हमले में शहीद हुए हैं।
पठानकोट, 4 जनवरी (आईएएनएस)। पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादी हमले के खिलाफ सुरक्षा बलों का आपरेशन सोमवार को भी जारी रहा। 62 घंटे से चल रहे आपरेशन में सुरक्षा बलों ने पांच हमलावर आतंकवादियों को मार गिराने में सफलता पाई है। सात सुरक्षाकर्मी हमले में शहीद हुए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के इंस्पेक्टर जनरल मेजर दुष्यंत सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “आपरेशन अभी जारी है। हम पांचवें आतंकवादी को मार गिराने में सफल रहे हैं। तलाशी अभियान जारी है।”
मेजर जनरल सिह ने कहा, “एनएसजी, सेना और वायुसेना ने अभियान में ताकत झोंक दी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां भी आपेरशन को सफल बनाने में सहयोग कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “वायुसैनिक अड्डे की सभी संपत्तियां, कर्मी और उनके परिवार सुरक्षित हैं।” उन्होंने सुरक्षा बलों की कार्रवाई की गंभीरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक यह निश्चित नहीं हो जाएगा कि अड्डा अब पूरी तरह से सुरक्षित है।
आतंकियों के छिपे होने की आशंका से आसपास के गांवों में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी शनिवार तड़के इस वायुसैनिक अड्डे में घुस आए थे। सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शनिवार को चार आतंकवादी मारे गए थे।
आतंकियों के हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। इनमें एनएसजी का एक अफसर, एक गरुड़ कमांडो और डिफेंस सर्विस कार्प्स के पांच कर्मी शामिल हैं।
इस बीच, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन युनाइटेड जेहाद कौंसिल (यूजेसी) ने पठानकोट में वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले की सोमवार को जिम्मेदारी ली। इस संगठन में कश्मीर के कई आतंकवादी समूह शामिल हैं।
सैयद सलाहुद्दीन के नेतृत्व वाले यूजेसी ने कहा कि पठानकोट के अड्डे पर शनिवार को हुए हमले को ‘यूजेसी के नेशनल हाईवे स्क्वाड ने अंजाम दिया।’
पठानकोट के वायुसैनिक अड्डे पर आतंकवादियों के हमले में शहीद होने वाले जांबाजों का सोमवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बेंगलुरु के बोम्मासांद्रा में एनएसजी के शहीद अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई.के. को हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो गुरसेवक सिंह का सोमवार को हरियाणा के अंबाला स्थित उनके पैतृक गांव गरनाला में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस मौके पर गरनाला निवासियों के साथ-साथ आसपास के गांवों और अंबाला से आए हजारों लोग मौजूद थे।
वायुसेना के अधिकारी शहीद गुरसेवक सिंह के तिरंगे में लिपटे शव को लेकर गांव पहुंचे।
गुरसेवक सिंह शनिवार को पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
गुरसेवक की 45 दिन पहले ही शादी हुई थी।
गुरसेवक के पिता सुच्चा सिंह ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर नाज है। उसने अपनी जान देश के लिए दे दी।”
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, वित्त मंत्री अभिमन्यु और खान राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिवार से मुलाकात की।
पंजाब में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पठानकोट के आतंकी हमले में शहीद सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) फतेह सिंह और हवलदार कुलवंत सिंह के परिजनों से गुरदासपुर स्थित उनके गांवों क्रमश: झंडेवाल खुर्द और चक शरीफ जाकर मुलाकात की।
शहीद फतेह सिंह की बेटी ने परंपरा को तोड़ते हुए अपने पिता का शव लेकर चलने वालों की अगुआई की। उन्होंने कहा, “मुझे अपने पिता पर गर्व है। वह बहुत बहादुर इनसान थे। सभी को उनके जैसा पिता मिलना चाहिए।”
फतेह सिंह (51) ने 1995 के राष्ट्रमंडल खेलों की शूटिंग प्रतियोगिता में सोने और चांदी का तमगा जीता था।
बादल ने कहा, “हर पंजाबी को अपनी मातृभूमि के इन वीर सपूतों पर गर्व है, जिन्होंने विदेशी घुसपैठियों की कुटिल चालों को नाकाम बना दिया। “