वाशिंगटन, 31 मार्च (आईएएनएस)। परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए दुनिया के 50 देशों से नेताओं का यहां आना शुरू हो गया है। अमेरिका ने कहा है कि परमाणु हथियारों और परमाणु सामग्री के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने में भारत को एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
वाशिंगटन, 31 मार्च (आईएएनएस)। परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए दुनिया के 50 देशों से नेताओं का यहां आना शुरू हो गया है। अमेरिका ने कहा है कि परमाणु हथियारों और परमाणु सामग्री के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने में भारत को एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
ब्रसेल्स और लाहौर आतंकी हमले की छाया में हो रहे इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य नेता दो दिनों तक इस बात पर चर्चा करेंगे कि आतंकियों एवं अन्य गैर राजकीय तत्वों (नान स्टेट एक्टर्स) के हाथ परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकी पड़ने से किस तरह रोका जाए।
अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी ने बुधवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने कार्यकाल में इस तरह की चौथी और आखिरी बैठक का आयोजन कर रहे हैं। स्वाभाविक है वह इस बात से बेहद खुश हैं कि परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन आए हैं।”
डोभाल ने इसके जवाब में कहा, “भारत इसके विशेष महत्व को समझता है। यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण सम्मेलन है और मोदी दिल से रेडियोधर्मी पदार्थ की सुरक्षा एवं संरक्षा हर हाल में सुनिश्चित होते देखना चाहते हैं।”
केरी ने कहा, “भारत का अगुआ और जवाबदेह रहने का लंबा रिकार्ड है। और, अभी हम देख रहे हैं कि हथियार निर्माण की संभावना में तेजी लाने वाले कदम उठाए जा रहे हैं और इसे लेकर हम खास तौर से चिंतित हैं।”
केरी ने कहा, “हमने इन मुद्दों को क्षेत्र के विभिन्न साझीदारों के साथ उठाया है। इसलिए हमें उम्मीद है कि यह परमाणु सुरक्षा सम्मेलन हरेक को हमारी वैश्विक जवाबदेही को समझने में योगदान करेगा।”
केरी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा का मानना है कि ‘भारत के साथ रिश्ता इस शताब्दी को परिभाषित करने वाला रिश्ता है और इसके कई कारण हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत एक शक्तिशाली, बड़ा और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के कई मुद्दों पर अमेरिका के साथ वास्तविक साझीदार है।
केरी ने कहा, “विशेष कर जिस तरह का नेतृत्व भारत ने पेरिस में किया और हमें जलवायु समझौते तक पहुंचने में मदद की, उसके लिए हम भारत के आभारी हैं। अब बहुत कुछ है जिसे हम उस करार के अगले कदम के रूप में कर सकते हैं।”
इससे पहले मंगलवार को डोभाल ने आतंकवाद के मुकाबले में सहयोग के लिए अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सूजन ई. राइस के साथ ह्वाइट हाउस में आतंकवाद से मुकाबले पर बातचीत की। खासकर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर- ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मदोके खिलाफ कार्रवाई में सहयोग पर चर्चा हुई।
मोदी दो साल के अंदर तीसरी बार अमेरिका दौरे पर हैं। यह अमेरिका और भारत के रिश्ते में आए बदलाव को दर्शाता है।
उम्मीद की जा रही है कि उनकी इस सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भी मुलाकात होगी।